पंडरिया क्षेत्र के पहाड़ियों में हरियाली व झरने तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं, पर्यटन को संभावनाएं अपार

पंडरिया-ब्लाक अंतर्गत मैकल पर्वत श्रेणियों में ऊंचे पहाड़ियों के विहंगम दृश्य,हरियाली व अनेक झरने हैं,लेकिन इन्हें करीब से महसूस करने के लिए आप इनके पास नहीं जा सकते ,क्योंकि इन तक पहुंचने के लिए सड़के नहीं हैं।15 वर्ष तक जिले के मुख्यमंत्री रहे हैं। वहीं पिछले 4 वर्षों से कबीरधाम जिला वन एवं पर्यावरण मंत्री का क्षेत्र है।लेकिन क्षेत्र में पर्यटन केंद्रों का कोई विकास नहीं हुआ।किसी भी जनप्रनिधि द्वारा क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्रों के विकास को ध्यान नहीं दिया गया। क्षेत्र में अपार प्राकृतिक सुंदरता है,लेकिन लोगों की नजरों से दूर है।ब्लाक अंतर्गत पर्यटन को विकसित करने के अनेक संभावनाएं है जिन्हें प्रशासन द्वारा विकसित नहीं किये जाने के कारण लोगों की पहुंच से दूर है।शासन व प्रशासन द्वारा पर्यटन के मामले में ब्लाक के पर्यटन क्षेत्र में उपेक्षित रखा गया है। ब्लाक में पर्यटन क्षेत्र हाफ नदी पर बनी कंवलधार जलप्रपात, भैंसाओदार जलप्रपात घोघराखुर्द , नेउर के पास स्थित गोदगोदा जल प्रपात , सहित पंडरीपानी मार्ग,कांदावानी मार्ग,भेलकी व सेंदुरखर मार्ग पर कई पहाडियों से दिखने वाले विहंगम दृश्यों को विकसित किया जा सकता है।

कंवलधार जलप्रपात-बोड़ला व पंडरिया ब्लाक के मध्य बांकी के पास हाफ नदी पर करीब 30 फिट ऊंचाई से गिरने वाले जल प्रपात कंवलधार तक पहुंचने में 2 किमी पैदल चलना पड़ता है। प्रपात को देखने के लिए नीचे जाने का रास्ता नहीं है। उक्त स्थल पंडरिया से लगभग 50 किमी तथा बोडला से 60 किमी की दूरी पर स्थित है। जहां दो किमी सड़क बनने से यह प्रपात जिले का सबसे सुंदर व आकर्षक पर्यटन स्थल के रुप में विकसित हो सकता हैं।

भैसाओदार जलप्रपात-भैसाओदार जल प्रपात दो ऊंचे पहाड़ियों के बीच में बहती है।जो प्रधानमंत्री सड़क स्थित कौआनार से करीब 2 किलोमीटर दूर पर स्थित है जिसकी उंचाई तो कम है ,किन्तु अत्यंत ही मनोरम है। भैंसाओदार जाने के लिए घोघराकला से लगभग 2 किमी सड़क नहीं है,जिसमें पैदल जाना पड़ता है।जिसके कारण पर्यटक जल प्रपात तक नहीं पहुंच पाते हैै।

गोदगोदा जलप्रपात- नेउर से गोदगोदा जलप्रपात कांदा वानी मार्ग पर नेऊर के आगे स्थित है।जहां जाने के लिए करीब 2 किलोमीटर दूर नदी के रास्ते दो पैदल चलना पड़ता है। गोदगोदा जल प्रपात कारण 15 फिट की ऊंचाई से गिरती है जो आकर्षक जल प्रपात बनाती है।*चुलटोला जलप्रपात*- ब्लाक व प्रदेश की सीमा पर स्थित तेलियापानी के पास चुलटोला के पास आगर नदी में करीब 50 फिट की ऊँचाई से जलप्रपात बनी हुई है।जहां नीचे जाने का रास्ता नहीं है।पहाड़ी दुर्गम ढलान होने के कारण पर्यटक नहीं जा पाते हैं। यदि प्रशासन द्वारा इन जलप्रपातों तक पहुंचने रास्ता, सीढ़ी सहित कुछ जनसुविधाएं प्रदान कर दी जाएंगी तो पंडरिया ब्लाक की पहचान पर्यटन के क्षेत्र में होने लगेगी।*घोघरा कला का जलप्रपात*- मैदानी क्षेत्र में हाफ नदी पर घोघरा में जल प्रपात स्थित है। ग्राम घोघराकला में हाफ नदी पर एक छोटा सा जल प्रपात बना है।यहाँ सड़क की सुविधा तो है लेकिन जर्जर हालत में है। यहां पर चट्टानों की खूबसूरती भी पर्यटको को आकर्षित करती है। उक्त स्थान पर उद्यान व बच्चों के मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराने से इसे भी विकसित किया जा सकता है।*सराईदाह जलप्रपात*-पोलमी के पास स्थित सराईदह जलप्रपात जो घने जंगल के बीच चट्टानों पर बहती है।यहां करीब 4 किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता है।यहां तक जाने के लिए सड़क बन जाने से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी।ब्लाक अंतर्गत मैकल पर्वत में कई स्थानों पर खुबसूरती छिपी हुई है जो प्रशासन द्वारा विकसित कर लोगों के सामने लाई जा सकती है। *क्षेत्र में कई गुफाएं भी मौजूद*-ब्लाक में जलप्रपात के साथ कई गुफाएं भी हैं।नगर से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर बम्हन्देई मंदिर व बुचिपरा के पास गुफा है,जो काफी प्राचीन है।इन गुफाओं का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व भी है। देवसरा के पास भी एक आकर्षक गुफा है।जिसमे कई आकृतियां बनी हुई है।।ब्लाक मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम भेड़ागढ़ में भी एक बड़ा गुफा है।वहीं बम्हदेइ पहाड़ी पर भी ऐतिहासिक गुफा मौजूद है।