जशपुर। सरकार ने रोका-छेका अभियान शुरू कर मवेशियों को सड़क से गोठान पहुंचाने की योजना तक तैयार की, लेकिन ये महत्वाकांक्षी योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। जिला मुख्यालय के सबसे नजदीक आदर्श गोठान गम्हरिया का हाल बेहाल है। कहीं चारे-पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं मवेशियों को धूप व बारिश से बचाने की व्यवस्था नहीं बनाई है।
ऐसी अव्यवस्था के बीच पशु मालिक भी अपने मवेशियों को गोठान भेजने को कतरा रहे हैं, पिछली बार फसल कटाई के बाद गांव के ही किसानों ने फसल कटाई के बाद पैरा को मवेशियों के लिए दान कर दिया है, ताकि गांव के मवेशियों को गोठान में पैरा-कुट्टी की कमी ना हो, जबकि गोठान में पैरा नहीं है, लेकिन गोठान में अभी चारे की कोई व्यवस्था नहीं है।

चारे की व्यवस्था के लिए कुछ डिसमिल जमीन में 35 लाख रुपए खर्चकर नेपियर घास लगाई गई है। पशुओं के गोठान में नहीं आने से नेपियर घास कटने से उसका उपयोग नहीं हो रहा है। गोठान का उद्घाटन होने के बाद चारा-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है।
निर्माण करते समय चारागाह के लिए जमीन आरक्षित कर सालभर हरा चारा उगाकर मवेशियों को खिलाने की बात कही गई थी। बावजूद चारागाह की आरक्षित जमीन खाली पड़ी है। इससे स्थानीय किसान व चरवाहे मवेशियों को जंगल में चराने ले जाते हैं। 5 एकड़ की जमीन पर गोठान बनाया जाना था, लेकिन यहां अभी तक फैंसिंग और मुरुम ही बिछाई गई है। इलाके के मवेशी खुले में घूम रहे हैं, जो लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं।

गलत जगह का किया गया चयन
गम्हरिया पंचायत में निर्मित आदर्श गोठान को जंगल के बीच में इतनी दूर निर्जन इलाके में बनाया है कि यहां किसान अपनी गाय लेकर जाना पसंद नहीं करते है। ग्रामीण विजय ने बताया कि गौठान में दोपहर को ग्रामीण पशुओं को चारा पानी पिलाने के लिए ले जाते हैं। दोड़काचौरा से यहां जाने के लिए कोई सीधा मार्ग नहीं है, जबकि गढ़ागम्हरिया और गम्हरिया की से जाने में तीन किलोमीटर का जाना पड़ता है। किसान गोठान नहीं जाना चाहते है।
जैविक खाद का करना है उत्पादन
योजना का लक्ष्य गोठानों का आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बनाकर ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। गोठानों में गौ वंशजों को सुरक्षित रखने,चारा पानी का इंतजाम करने के साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए स्व सहायता समूह के माध्यम से बकरी पालन, मुर्गी पालन, विभिन्न कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना से जोड़कर यहां गो पालकों से गोबर खरीदी कर जैविक खाद का उत्पादन व बिक्री भी किया जाना है।

गोठान बना शराबखोरी का अड्डा
उपेक्षा का शिकार आदर्श गोठान अब शराबखोरी अड्डा बन चुका है। पूरे गोठान में बिखरी शराब की बोतलों को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस निर्जन गोठान का इस्तेमाल शराब पीने के लिए लोग कर रहे है। इससे यहां गंभीर आपराधिक घटना होने की आशंका भी है।
गोठान से सौर पैनल चोरी कर कब का ले गए चोर
आबादी से दूर गढ़ागम्हरिया में जंगल के किनारे निर्मित इस गोठान में पानी की आपूर्ति के लिए प्रशासन ने बोर के साथ सोलर पैनल लगाए है, लेकिन मवेशियों के नहीं होने से इस बोर का उपयोग नहीं हो पा रहा है। गोठान की सुरक्षा के लिए लगाए गए बाड़े से बाहर उत्खनित बोर के सोलर पैनल के एक हिस्से पर अज्ञात चोर ने चोरी कर लिए है, लेकिन इस ओर अब तक इस गोठान की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी सम्हाल रहे अफसर को इसकी जानकारी नहीं है।
आदर्श गोठान की बराबर देखरेख की जा रही है
गम्हरिया में स्थित आदर्श गोठान की बराबर देखरेख की जा रही है। इस गोठान में रोजगारमूलक विभिन्न आर्थिक गतिविधियों का संचालन हो रहा है।
लोकहित भगत, सीईओ,जनपद पंचायत,जशपुर