कीचड़ भरी रास्ते को पार कर पूरी करते है स्कूल तक का सफर, बरसात के समय स्कूली बच्चों की बढ़ जाती है परेशानी, पाटन ब्लॉक का मामला


पाटन। बरसात शुरू होते ही पाटन ब्लॉक के ग्राम सिपकोन्हा के स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ जाती है। कीचड़ से भरे रास्ते को पारकर स्कूल तक का सफर तय करना पड़ता है। वापसी भी इसी मार्ग से होता है। करीब 1 किमी की दूरी पैदल चलकर ये बच्चे पक्की सड़क तक पहुंच पाते है। कीचड़ से आए दिन कपड़े खराब होते है। वही खेतो के मध्य से रास्ता बना हुआ है जिससे को कभी भी बच्चे खेतो में भी गिर सकते है।

पाटन विकास खंड के ग्राम सिपकोंहा खारुन नदी के किनारे स्थित है। यहां पर सुगम रास्ता तो है लेकिन कुछ बच्चे जो को गांव से कुछ दूरी पर दूसरे मोहल्ले में रहते है उन्हे स्कूल तक का सफर करने बहुत ही तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक गांव में सरदार बाड़ी और साहू बाड़ी वाला रोड है। इसका उपयोग ग्रामीण आवागमन के लिए करते है। बच्चे भी इसी से रोड से स्कूल जाना आना करते है। गर्मी और ठंड के मौशम में तो किसी भी तरह इस कच्ची सड़क पर आवागमन हो जाता है।

बरसात होने के बाद यह मार्ग पूरी तरह कीचड़ से लतपथ हो जाता हैं। अब उसी मार्ग से स्कूली बच्चे स्कूल जाते है। कीचड़ के कारण बच्चो एक हाथ में स्कूल बैग तथा दूसरे हाथ में अपने जूता चप्पल लेकर चलते है। कीचड़ से बचने के लिए बच्चे किनारा में चलते है। जिससे की कई बार पैर स्लिप होकर खेत में गिर जाते है। ग्रामीण देवा नंद निषाद ने बताया की कीचड़ भरे रास्ते बच्चो के लिए परेशानी का सबब है। बच्चे स्कूल जाने से भी कतराते है। आए दो। कपड़ा कीचड़ से गंदा हो जाता है। स्कूली बच्चों की परेशानी हो रही है उसका सुधा शासन प्रशासन को लिया जाना चाहिए।।