कोंडागांव/बोरगांव । प्रदेश के लाखो कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर 25 से 29 जुलाई तक काम बंद कलम बंद आंदोलन पर डटे हुए हैं। जिसमें में प्रदेश के हजारों स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल होने से गर्भवती माताओ व किशोरी बालिकाओं को मिलने वाली सभी स्वास्थ्य सेवाएं, समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे मलेरिया जांच, टीवी जांच, मौसमी बीमार की सेवा सहित आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होता नजर आ रही है।
महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं हो रहे प्रभावित –
इस पांच दिवसीय हड़ताल का असर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केन्द्रों में साफ नजर आने लगी है। अस्पतालों के स्टाफ नर्से, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, लैब टैक्नीशियन, नेत्र सहायक अधिकारी, डेसर, बीईईटीओ, सुपरवाइजरो, स्वास्थ्य संयोजक, संयोजिका, एलएचव्ही, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लिपिकीय वर्ग, मलेरिया सुपरवाइजरों, टैक्नीशियन, ड्राइवरों के हड़ताल में जाने से रोजमर्रा की ओपीडी में दवा वितरण, आंखों की जांच, ड्रेसिग कार्य, माइनर और मेजर आपरेशन, लैब संबंधित समस्त जांच, रिपोर्ट और रिकॉर्ड, कोविड बुस्टर टीकाकरण, सहित अन्य सभी टीकाकरण सैंपलिंग जैसी अहम सेवाएं प्रभावित हो रही है। इन सभी स्वास्थ्य सेवाओं का बागडोर संविदा कर्मी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मी व परिविक्षा अवधि वाले कर्मियों के हाथ में है।
भूपेश सरकार के मंत्रियों ,विधायकों का वेतन बढ़ाना जले में नमक डालने जैसा है –
ऐसे में आंदोलन के बीच में भूपेश सरकार ने प्रदेश के लाखो अधिकारियों , कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा करते हुए मंत्रियों और विधायकों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी कर दिया है। स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता और प्रदेश सचिव प्रवीण ढीडवंशी ने बताया कि माननीय लोगो का दूसरी बार वेतन बढ़ोत्तरी कर और वो भी ऐसे समय में जब प्रदेश के लाखो कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृह भत्ता के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रहे है जले में नमक डालने जैसा है। जनसेवा के नाम पर सत्ता में आने के बाद मकान, बिजली , बंगला, पेट्रोल , डीजल, और बहुत से भत्ते नि:शुल्क होने के बाद भी जनता और कर्मचारियों के बारे में सोचना छोड़कर अपनी जेब गरम कर रहे है।
कोरोना योद्धा का संज्ञा तो दिया पर विशेष कोरोना भत्ता आज तक दिया नहीं –
प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश जयसवाल और आईटीसेल प्रभारी सुरेश पटेल सहित जिलाध्यक्ष द्रुपत राज सेठिया व संभाग उपाध्यक्ष भूपेश नायक ने बताया कि अन्य राज्यो की सरकारों ने अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता के लिए निराश नहीं किया है किंतु छत्तीसगढ़ के इतिहास में या भारत देश के इतिहास में किसी राज्य में महंगाई भत्ता के लिए कर्मचारियों को आंदोलन करना नही पड़ा है। प्रदेश प्रचार प्रसार मंत्री प्रकाश सिन्हा ने कहा कि सरकार का कर्मचारियों के प्रति रवैया समझ से बाहर है, कर्मचारियों के लिए बड़े बड़े वादे करके, उनकी मांगों को घोषणा पत्र में शामिल करके अपने कार्यकाल में किसी कर्मचारी का वेतनविसंगती दूर नहीं कर पाई है। प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की संज्ञा तो दे दिया लेकिन ना उनकी वेतन विसंगति दूर हुई और न ही घोषणा होने के बाद भी विशेष कोरोना भत्ता दिया गया। इसलिए प्रदेश के हजारों स्वास्थ्य संयोजकों ने अपने हितों और अधिकारों को पाने के लिए फेडरेशन के साथ संघर्ष में कदम से कदम मिलाकर लड़ने का फैसला किया है।