बता दें कि वर्तमान भीषण गर्मी का दौर चल रहा है, और जंगल के अधिकतर नदी- नालों का पानी सूख गया है। चैतुरगढ का घना जंगल अचानकमार टाइगर रिजर्व से जुड़े होने के कारण शेर सहित अन्य हिंसक जानवर ग्रीष्मकालीन मौसम में चारे- पानी की तलाश में भटककर इस जंगल मे पहुँच जाते है और ग्रामीणों के पालतू मवेशियों, भेंड़- बकरियों को अपना चारा बनाते है। वही कटघोरा वनमंडल के पसान परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हाथियों का एक दल पहली बार पाली मुख्यालय के काफी समीप जंगलों में पहुँचा है। जिनके डर से वनांचल में बसे ग्रामीण घर से बाहर कहीं आने जाने को लेकर एहतियात बरत रहे है। फिलहाल वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारी अलर्ट है व वनांचल के ग्रामीणों को सतर्क रहने कहा गया है।

- May 9, 2022