जामगांव आर। बेटा और बेटी संतान में माता पिता की सोच में बेटा को पहली प्राथमिकता देने में चाहे अनचाहे तो मन बेटा को ही प्राथमिकता देते आया है क्योंकि बेटा कुल दीपक माना जाता है लेकिन जमाना करवट बदल रही है बेटा की बहु आने के बाद माता पिता को वृद्धा आश्रम भेजने की बढ़ती कवायद किसी छुपी नहीं है।शासन और समाज में प्रोत्साहन एवं जागरूकता बेटियों के प्रति बढ़ी है जिसका सीधा सीधा असर स्कूलों और कॉलेजों में बेटियों की प्रतिभा प्रदर्शन बेटों की अपेक्षा काफी उम्दा कंठ मुक्त प्रशंसनीय परिणाम सामने आने लगी है।माता अंजू पिता प्रकाश गोलछा के साथ तीनों बहने डॉ सजल गोलछा,गोल्ड मेडलिस्ट पत्रकार सुरभि और वकील विधि गोलछा खुशियां का इजहार करते हुए।
तीन बहनों ने डाक्टर, पत्रकार और वकील बन कर रचा इतिहास,,,,
समीपस्थ ग्राम नवागांव के किसान पन्नालाल गोलछा के द्वितीय सुपुत्र प्रकाश गोलछा अंजू गोलछा को तीन पुत्री रत्न प्राप्त हुई प्रारंभिक दौर में समाज परिवार के सोच अनुरूप चर्चा तो स्वाभाविक था।लेकिन पिता प्रकाश और माता अंजू गोलछा ने तीन पुत्रियों की इस कदर परवरिश किया कि तीनों पुत्रियों ने गोलछा परिवार का नाम रोशन करने में इतिहास की रचना कर दिया।बड़ी बहन डॉ सजल नेत्ररोग विशेषज्ञ बनकर रायपुर में सेवारत है द्वितीय पुत्री सुरभि ने पत्रकारिता में डिग्री में गोल्ड मेडलिस्ट प्रतिभा हासिल किया और तीसरी बहन विधि ने वकालत की डिग्री इसी महीना हासिल कर लिया।और इस प्रकार प्रकाश अंजू डाक्टर ,पत्रकार और वकील की माता पिता का गौरव हासिल किया।
बेटियों ने कहा कि हमारे दिल में बसते माता पिता,,,
माता पिता समाज के लिए सृष्टि की अनुपम उपहार है बेटियां,,,, प्रकाश गोलछा
पिता प्रकाश गोलछा ने कहा कि बेटा हो या बेटी भेद करने का अधिकार हमे नहीं है अज्ञानता या स्वार्थ वश लोग भेद का पहाड़ खड़े कर देते है जिसका भुगतान लोगो को करना भी पड़ता है।जो समाज खुली आंखों से देख भी रही है।बेटों में यदि दम होता तो वृद्धा आश्रम ही नहीं खुलते।वृद्धा आश्रम तो बेटो की प्रामाणिक तौर पर पोल खोलती है।आध्यात्म की ओर मुखरित होते हुए श्री गोलछा ने कहा कि बेटा बेटी या रिश्ते नाते कर्मो के अनुरूप मिलते है।इसे सहर्ष स्वीकारने की आदत डालनी चाहिए।वैसे भी बेटियां दो कुल का नाम रोशन करती है। मेरी दिल की बात पूछे तो मैं यही कहूंगा माता पिता समाज के लिए सृष्टि की अनुपम उपहार है बेटियां।
डॉ सजल गोलछा ने कहा कि बेटियां और बेटो में फर्क का नजरिया पुरानी बात हो गई अब तो बेटियां ज्यादा केयर करने लगी है माता पिता परिवार का ।पत्रकार सुरभि ने कहा कि माता पिता केवल हमारे जन्म दाता ही नहीं संवरते और पूर्ण जीवन का विधाता है।हम उनके दिल में है और वो हमारे दिल में है। एडवोकेट विधि गोलछा ने कहा कि हमारे माता पिता हमारे लिए जगत नियंता से कम नहीं है।वो ना हो तो हम नहीं होते और हमारे लिए वो नहीं करते तो शायद हम तीनों बहने इस मुकाम पर पहुंच कर इतिहास नहीं बना पाते कि बेटियां माता पिता की नाम रोशन करती है ।हम तीनों अपने माता पिता के बेटा और बेटियां है ।