मौसम के पूर्वानुमान अब और भी ज्यादा सटीक मिलेंगे। पुणे की संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैटीऔरों लॉजी (आईआईटीएम) ने इसके लिए एक नया न्यूमेरिकल मॉडल ‘भारत फोरकास्टिंग सिस्टम’ (बीएफएस) विकसित किया है।यह बता देगा कि 6 किमी के दायरे में कैसा मौसम रहने वाला है। 6 किमी रिजॉल्यूशन का पूर्वानुमान विकसित करने वाला भारत का पहला देश है। अमेरिका, ब्रिटेन यूरोपीय देश भी अभी तक 9-14 किमी का ही रिजॉल्यूशन सिस्टम बना पाए है ।
अभी भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी ) की पूर्वानुमान क्षमता 12X 12 किमी के ग्रिड में भविष्यवाणी करने की थी जो अब 6X 6 के ग्रिड के पूर्वानुमान देने की हो जाएगी , यानी पहले एक भविष्य वाणी 6 किमी के इलाके में हरेक गांव के लिए अलग पूर्वानुमान मिल सकेगा । सोमवार को आईआईटीएम ने नया सिस्टम आइएमडी को सौंप दिया ।
सबसे बड़ा लाभ – पूर्वानुमान में दस की जगन अब 4 घंटे लगेंगे, बारिश , तूफान, और प्रदूषण का सटीक अनुमान लगेगा
1. किसानों को बारिश ,तूफान और तापमान की सटीक जानकारी मिलेंगी , जिससे खेती में नुकसान कम होगा ।
2 . बाढ़, चक्रवात और भारी बारिश की जल्द चेतावनी ।
3. बांधो,और नदियों का प्रवाह नियंत्रित करने में मदद
4. जलभराव , प्रदूषण और तापमान से निपटना आसान।
गांव और छोटे इलाकों में भी मौसम का सटीक अनुमान।
6. अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी में 30%सटीक रहेगा।
7.वर्षा पूर्वानुमान की सटीकता 64फीसदी बढ़ गई है।
8.समुद्री तूफानी की दिशा व तीव्रता का बेहतर आकलन।
9.यह एक ओपन एक्सल मॉडल होगा यानि दुनियाभर के मौसम विज्ञानी इसके आउटपुट का इस्तेमाल कर सकेंगे।