पंडरिया वन क्षेत्र बाघ के मिले पग मार्क,एक सप्ताह में दो मवेशियों के किया शिकार


पंडरिया-ब्लाक के वनांचल क्षेत्र में करीब 10 दिनों से बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिल रहे हैं।ब्लाक के वन क्षेत्र पश्चिम रेंज अंतर्गत छिंदीडीह पंचायत ग्राम लिहाटोला में 28 जून को एक बकरी का शिकार किया गया है।वहीं 6 दिन बाद छिंदीडीह की तरफ एक बैल का शिकार किया है। लिहाटोला के जेठूराम बैगा के बकरी का शिकार 28 को किया गया वहीं लिहाटोला के धन सिंह बैगा के बैल का 4 जुलाई सुबह करीब 10 बजे किया गया। ग्रामीण बाघ के आवाज सुनाई देने की बात कह रहे हैं।शिकार के पास मिले पैरों के निशान काफी बड़े हैं।मिले पग मार्क को देखकर भी बाघ के मौजूदगी नजर आ रही है।ज्ञात हो कि कान्हा नेशनल पार्क से अचानकमार टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ सहित अन्य वन्य प्राणियों का आना-जाना पंडरिया वन क्षेत्र से करते हैं।पंडरिया वन क्षेत्र का उपयोग वन्य जीव एक कॉरिडोर के रूप में करते हैं,लेकिन मानव हस्तक्षेप के बढ़ने तथा खेती के लिए अतिक्रमण ने वन्य जीवों के कॉरिडोर पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
बाघिन होने का अंदेशा-छिंदीडीह पंचायत में विचरण कर रहे बाघ का मादा होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।ग्रामीण आवाज सुनने की बात कह रहे हैं,तथा साथ में दो बच्चे होने की बात की भी चर्चा कर रहे हैं।इसके मूवमेंट को देखकर भी शावक सहित बाघिन होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।क्योंकि एक सामान्य बाघ एक रात में करीब 30 किलोमीटर से अधिक मूवमेंट कर लेता है।लेकिन शावक के साथ चलने वाला बाघिन ज्यादा दूरी तय नहीं करता है।छिंदीडीह पंचायत में दोनों शिकार हुआ है,दोनों शिकार के बीच करीब 2 किलोमीटर की दूरी है।अर्थात 6 दिन में शिकारी बाघ केवल 2 किलोमीटर की दूरी तय की है।यह भी कहा जा रहा है कि लंबे समय से क्षेत्र में बाघ की उपस्थिति बनी हुई है।
क्षेत्र में डर का मौहाल-विगत सप्ताह भर से क्षेत्र में हो रहे शिकार से आस-पास के ग्रामीणों में भय का माहौल है।लोग जंगलों में खेती करने तथा अन्य कार्य से जंगल जाते हैं।छिंदीडीह पंडरिया ब्लाक का सीमावर्ती क्षेत्र है,कुछ ही दूरी पर मध्यप्रदेश की सीमा लग जाती है।घने जंगल होने के चलते बाघ,तेंदुआ,हाथी जैसे कई बड़े वन्य जीव आते रहते हैं।
वन क्षेत्र पंडरिया पश्चिम के रेंजर पल्लवी गंगवेर ने बताया कि छिंदीडीह में 4 जुलाई को गाय के शिकार की सूचना मिली है।जिसका प्रकरण तैयार किया जा रहा है।ग्रामीणों को अभी जंगलों में नहीं जाने की मुनादी कराई जा रही है।
“पैरों के निशान देखकर बाघ के होने की संभावना लग रही है।पग मार्क के जांच के लिए भेजा जा रहा है।पग मार्ग की जांचकर इसकी पुष्टि की जा सकेगी।फिलहाल ग्रामीणों को जंगलों में नहीं जाने निर्देशित किया जा रहा है।”
सुयशधर दिवान,एसडीओ वन विभाग पंडरिया।