टी एल मतलब पाटन के सरकारी कार्यालयों में नहीं होता कामकाज : अधिकारी दुर्ग बैठक में शामिल होते है…इधर कर्मचारी भी मनमर्जी से आते जाते है, हितग्राही भटकते है


पाटन। कलेक्टर दुर्ग द्वारा प्रति सप्ताह जिले में चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए समय सीमा (टी एल) की बैठक जिला मुख्यालय में लेते है। इस ब्लॉक मुख्यालय के सभी विभाग के प्रमुख अधिकारी इस दिन दुर्ग में ही रहते है। इसी का फायदा पाटन ब्लॉक के सरकारी कार्यालयों में सेवा देने वाले कर्मचारी उठाते है। आलम तो यह है कि कई कर्मचारी तो मंगलवार को मुख्यालय में आते ही नहीं है।

अगर कोई फोन कर पूछे भी यही जवाब मिलता है कि दौरा में है। इसके अलावा जो अधिकारी कर्मचारी दफ्तर में बैठकर काम निपटा है वह भी मंगलवार को अपने मनमर्जी से आना जाना करते है। इसी कारण ग्रामीण क्षेत्र से ब्लॉक मुख्यालय पहुंचने वाले लोगों को मंगलवार मायूस होकर वापस लौटना पड़ता है। आज भी जनपद सदस्य उत्तरा सोनवानी कुछ कार्य को लेकर जनपद पंचायत पाटन पहुंचे थे। लेकिन कार्यालय में ज्यादातर कर्मचारी अपने कार्य स्थल पर नहीं मिले। उन्होंने एक वीडियो भी सीजी मितान को उपलब्ध कराया है जिसमें खाली खाली कुर्सी देखी जा सकती है। इसी तरह जनपद पंचायत पाटन के सभी शाखा में खाली खाली हो दिखता है।

मनरेगा शाखा में भी कोई भी आपरेटर नहीं दिखा। इसी तरह से अन्य शाखा में भी जाकर देखा गया तो सिर्फ एक दो लोग ही बैठे मिले। उधर दूर दूर से आपने वाले ग्रामीण काम नहीं होने के कारण मायूस होकर लौट जाते है। अभी वर्तमान में सी ई ओ भी पाटन में नए है। वही पिछले सी ई ओ मुकेश कोठारी ने काफी अनुशासन बनाकर रखा था। कर्मचारियों की समय पर आने, निर्धारित समय तक काम काज निपटाने के निर्देश दे रखे थे। अब नए सी ई ओ के आने से अनुशासन व्यवस्था काफी लचर देखी जा रही है। यही कारण ही की जब सी ई ओ
कार्यालय में नहीं रहते है तो कर्मचारी भी अपने कुर्सी छोड़कर इधर उधर घूमते दिख जाते है।