अंडा। दुर्ग व बालोद जिला के मध्य मेन रोड पर खप्परवाडा से 3 कि.मी. के दूरी पर स्थित विष्णु धाम महायज्ञ ओटेबंद बगीचा मंदिर परिसर में श्रीमद् भागवत महापुराण के आज पंचम दिवस में वृंदावन से आए कथा प्रवक्ता श्रद्धेय प्रमोद कृष्ण दास महाराज ने भाव की महिमा का वर्णन किया। महाराज जी ने परीक्षित- शुकदेव संवाद, विदुर चरित्र, हिरण्याक्ष वध के साथ ही वामन भगवान के अवतार का भी वर्णन किया।
महाराज जी ने बताया कि भगवान का साक्षात्कार बिना भाव के संभव नहीं है। भगवान ज्ञानियों को बहुत प्रेम करते हैं। ज्ञानियों को भगवान ने अपनी आत्मा कहा है किंतु भक्तों के विषय में भगवान कहते हैं कि भक्त तो मेरा भी परमात्मा है। महाराज विदुर चरित्र सुनाते हुए धर्म की महिमा का वर्णन करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम धर्म की रक्षा करते हैं तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। किंतु हम धर्म की रक्षा नहीं कर पाए तो धर्म हमें नष्ट कर देता है। कौरवों और पांडवों में मुख्य फर्क यही था।
कि कौरव धर्म को त्याग चुके थे और पांडव पल-पल धर्म का पालन कर रहे थे। इसका परिणाम यह हुआ की पांच पांडवों के सामने 100 कौरव टिक नहीं पाए। महाराज जी ने विदुर चरित्र सुनाते हुए भाव की महिमा और प्रधानता बताइ। भाव के प्रभाव में आकर भगवान श्री कृष्ण विदुरानी के किले के छिलके भी बड़े प्रेम से खा गए थे।
कथा की व्यवस्थापक एवं विश्व सनातन सेवा संघ के सचिव महाराज जी के छोटे भाई श्री ओंकार शर्मा जी ने बताया की हमारा उद्देश्य जन जन तक सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना है। ताकि हम सभी सनातन धर्म की ध्वजा का परचम फहरा सके और संपूर्ण विश्व को सनातन पद्धति का ज्ञान दे सके। इसके लिए महाराज कथा का कोई भी शुल्क नहीं लेते हैं जो भक्तजन प्रेम से श्रद्धा सुमन अर्पित करें उसी को स्वीकार करते हैं।
भागवत प्रवचन के परीक्षित में बैठे हैं शेर सिंह देशमुख और केजिया बाई देशमुख मंदिर के सदस्य बिरेन्द्र दिल्लीवार, लवकुश चंद्राकर, बब्ला चंद्राकर, पुरूषोत्तम चन्द्राकर, शेर सिंह,भगवान सिंह चन्द्राकर ,रोहित चंद्राकर,टिकेन्द्र साहू , नवनिर्वाचित अध्यक्ष जनपद पंचायत गुण्डरदेही पुरूषोत्तम चन्द्राकर,सरपंच जीवन लाल साहू, सरस्वती इन्द्रजीत चन्द्राकर, सत्यवती साहू, पूर्व सरपंच व बाजार ठेकेदार खेमन लाल चन्द्राकर, मनोज सेन,हिरा लाल सहित अन्य ग्रामीण जन उपस्थित थे।