दुर्ग जीआरपी से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन नंबर 12843 पुरी- अहमदाबाद एक्सप्रेस दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर खड़ी थी। ट्रेन 10.38 पर आई और 10.45 बजे रवाना होना था। इस ट्रेन को लेकर लोको पायलट गुड्स डोंगरगढ़ हीरालाल साहू को लेकर जाना था । सिग्नल मिलने पर ट्रेन स्टेशन से चल दी थी। लोको पायल हीरालाल दौड़ते-दौड़ते आया और चलती ट्रेन में चढ़ने लगा।
इसी दौरान उसका पैर स्लिप कर गया और वो ट्रेन के नीचे आ गया। उसके ऊपर से ट्रेन गजरने से उसका शरीर दो भागों में बंट गया। इससे वहां चीख पुकार मच गई। दुर्घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक के वर्मा, जीआरपी और मुख्य स्टेशन प्रबंधक वहां पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। हीरालाल साहू का अंतिम संस्कार रामनगर भिलाई में किया गया।
रेलवे प्रबंधन और उनके कर्मचारी समय-समय पर लोगों को सावधानी बरतने के लिए जागरूक करते रहते हैं। इतना ही नहीं चलती ट्रेन में चढ़ने और उतरने के लिए मना करने स्टेशन में अनाउंसमेंट भी किया जाता है। दुर्ग रेलवे स्टेशन में रविवार को खुद रेलवे का कर्मचारी इतनी बड़ी गलती कर बैठा। वह चलती ट्रेन में चढ़ते हुए अपनी जान गंवा बैठा।