ग्राम बटंग ,पाटन,
कुम्हारी।समीप ग्राम बटंग में शहीद घसिया मंडल स्मृति क्लब द्वारा शहीद घसिया मंडल जी का 80 वां पुण्यतिथि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में घसिया मंडल द्वारा देश की आजादी में किये संघर्ष व योगदान को बताया गया आयोजक समिति ने बताया कि घसिया मंडल जी भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेते हुए अंग्रेजों से लोहा लेते हुए ग्राम अमलीडीह (जामगांव एम) में एक आम सभा के आयोजन में भारत माता का झंडा उपस्थित हुए थे तभी अचानक भीड़ में बहुत सारे अंग्रेजी सिपाही भी वहाँ पहुंच गए और भीड़ को तितर-बितर करने लगे और तिरंगे को कुचलने लगे जो घसिया मंडल जी को नागवार गुजरा और वंदे मातरम का नारा लगाते अंग्रेजों से भिड़ गए और दो तीन अंग्रेजों को वहीं पटकनी देते हुए उसकी छाती पर चढ़ गए कहते है कि वह नजारा देखते बनता था मानो कोई शूरवीर दहाड़ रहा हो उनके क्रोध को देख कर अंग्रेज काँपने लगे उसके निकट जाने का किसी में साहस नहीं हो रहा था तभी कुछ अंग्रेजों ने बंदूक के मुठ से घसिया मंडल के सिर पर वार किया सिर फटने के कारण घसिया मंडल पूरे लहू लुहान हो गए फिर भी वो अंग्रेजों को छोड़ नहीं रहे थे फिर किसी प्रकार से वे अंग्रेजों की पकड़ में आ पाए फिर उन्हें रायपुर जेल में बंद कर दिया गया और 50 रुपये जुर्माना व छः माह की सजा सुनाया गया और जेल में ही 27 फरवरी 1943 को वो शाहिद हो गए।

घसिया मंडल जी के सम्मान में 27 फरवरी 2007 से प्रति वर्ष शहादत दिवस का आयोजन स्मृति क्लब के द्वारा किया जाता है इस वर्ष भी 27 फरवरी को शहादत दिवस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि मोनू साहू जिला पंचायत दुर्ग, श्रीमती हर्षा लोकमनी चंद्राकर जिला पंचायत दुर्ग घनश्याम कौशिक जनपद सदस्य पाटन, मिथलेश चौबे सरपंच ग्राम बटंग की आतिथ्य में सम्पन्न हुआ इस अवसर पर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं व गांव के 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को साल और श्रीफल से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि मोनू साहू ने समिति के इस अनोखे पहल की सराहना करते हुए प्रेरणादायक बताया व सफल आयोजन के लिए समिति को बधाई प्रेषित किया तो वही श्रीमती हर्षा लोकमनी चंद्राकर ने हमारे वीर शहीदों को कभी भी नहीं भूलने की बात कही सभी अतिथियों ने इस प्रकार के आयोजन में लोगों को हमेशा दिल से जुड़ने की अपील की।

उक्त श्रद्धांजलि सभा में समिति के संचालक नरेन्द्र वर्मा, अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल पटेल, उपाध्यक्ष मकसूदन यादव, घनश्याम वर्मा, विकास वर्मा, सुनील वर्मा, मनीष नायक, हितेश वर्मा, लाला वर्मा, युवराज वर्मा, संजय वर्मा, गैन्दू वर्मा,
एवं गांव के सभी वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।
