स्वामी विवेकानंद जयंती पखवाड़े के अंतर्गत सरस्वती शिशु मंदिर जनसंवाद स्थापित करने के लिए समय संपर्क अभियान की तैयारी पूर्ण

कल्याणी साहू

जामगांव आर। स्वामी विवेकानन्द जयंती पखवाड़ा में छत्तिसगढ़ प्रदेश में संचालित सभी 1111 सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय 1 जनवरी 23 से 15 जनवरी 2023 तक शिक्षा विमर्श हेतु जन संवाद स्थापित करने के लिए समाज सम्पर्क अभियान चलाने की तैयारी पूर्ण कर चुकी है।यह जानकारी देते हुए प्रादेशिक सचिव विवेक सक्सेना ने संचार संवाद में बताया कि इस अभियान में समिति सदस्य विद्यालय के पूर्व छात्र पूर्व आचार्य एवं कुछ वर्तमान आचार्यो की टीम अपने एरिया के गांवो मोहल्ले में सामान्य चर्चा करते हुए प्रतिष्ठित लोगो दानदाताओं अभिभावकों से शिक्षा विमर्श जन संवाद करते हुए समाज की ज्वलंत समस्या संस्कार की गिरते हुए परिस्थियों को संभालने पर अंतरंग चर्चा करेंगे।सरस्वती शिक्षा संस्थान छतीसगढ़ रायपुर के प्रादेशिक सचिव विवेक सक्सेना के मार्गदर्शन में समाज सम्पर्क अभियान को व्यवस्थित गति देने भव्य भवन नई तकनीक युक्त उम्दा सुविधा के साथ 32 वर्षो से संचालित सरस्वती शिशु मंदिर उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय जामगांव आर की समिति माँ सरस्वती शिक्षा समिति के पदाधिकारियों सदस्यों पूर्व छात्रों वर्तमान आचार्यो की सयुक्त बैठक विद्यालय जामगांव आर में। सम्पन्न हुई। छतीसगढ़ के सभी सरस्वती शिशु मंदिर में आगामी सत्र से इंग्लिश और वैदिक गणित की विशेष कक्षाए संचालित होगी,,,,व्यवस्थापक कामता प्रसाद साहू ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए अगले शिक्षा सत्र से सरस्वती शिशु मंदिर में स्पोकन इंग्लिश और वैदिक गणित की विशेष कक्षाए संस्थान के उत्कृष्ट मार्गदर्शन में संचालित होगी जिससे बच्चों की अंग्रेजी और गणित से उत्तपन्न भय समाप्त हो जाएगा।बच्चे फर्राटे दार इंग्लिश बोलने लगेंगे।उन्होंने कहा कि मातृ भाषा हिंदी सर्वोपरी होगी किन्तु इंग्लिश भी कोई कम नही होगी।विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चो की पकड़ हिंदी इंग्लिश संस्कृत तीनो भाषा मे तगड़ी होगी।और छतीसगढ़ी भाषा का ज्ञान तो घर परिवार में पहले से ही है इस तरह बच्चों को चार भाषाओ का ज्ञान होने से बच्चो का सर्वांगीण विकास तेज गति से होने लगेगा।परिवार या समाज के सदस्यों से आपसी बातचीत करने में भाषा की कोई समस्या भविष्य में पैदा नही होगी।माता पिता सजगता पूर्वक बच्चो को संस्कारित शिक्षा दिलाये,,,,संभाग समन्यवयक दीपक सोनी ने बताया कि जापान रूस चीन जर्मनी फ्रांस जैसे देशों में पढ़ाई एवं कामकाज अपनी मातृभाषा में होती है। भारत की संस्कृति को समझने वाली मातृ भाषा हिंदी है हिंदी का ज्ञान सररोपररी रखते हुए अंग्रेजी का पारंगत ज्ञान अर्जित करें।भाषाओं का ज्ञान अच्छी बात है किंतु अपनी मातृभाषा से दूर हो जाना हित मे नही है।माता पिता परिजन समाजजन को हिंदी आती है और बच्चा हिंदी से दूर हो जाए तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।माता पिता को सभी पहलुओं को ध्यान रखकर कदम बढ़ाना चाहिए।घर वालो को भाषा का ज्ञान होने पर बच्चों को पढ़ाई में मदद मिलती है।सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चो को आगे बढ़ने में अंग्रेजी रोड़ा नही अटकाती,,,,,,,, विद्यालय के पूर्व छात्र यूके एवं जर्मनी रिटर्न सॉप्टवेयर इंजीनियर गेवेंद्र साहू ,आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ डी सी जैन पूर्व परियोजना अधिकारी रोशनी चन्द्राकर डॉ दीपमाला चन्द्राकर बी फार्मेसी सौरभ राठी इंजीनियर राहुल राठी एमबीए फणीश जैन एल एल बी टीना मोदी सीए सुमन इंजीनियर मोनिका चन्द्राकर आदि ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर मीडियम हिंदी है लेकिन इस विद्यालय से डॉक्टर इंजीनियर सी ए एलएलबी सहित अनेको विधाओं में आगे बढ़कर मंजिल पाने वाले विद्यालय के बच्चो को इंग्लिश रोड़ा नही बनी बल्कि हिंदी की संस्कारित मजबूत नींव ने मंजिल हासिल करने में मददगार सावित हुई।सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चो के लिए अंग्रेजी रोड़ा नही अटकाती।बल्कि सतत मन वांच्छित मंजिल की ओर कदम बढ़ाने में विद्यालय का संस्कारमय अनुशासन वरदान सावित हो रही है।यह बड़ा गर्व का विषय है टीम गांव गांव में प्रवास कर जन संवाद करेंगी,,,प्राचार्य पीएल बारले ने बताया समाज सम्पर्क अभियान के लिए तैयार टीम समयानुसार कुर्मीगुंडरा ,,गबदी, भरर ,भन्सुली, परसाहि ,रंचिराई , बोरवाय औरी ,सुरपा टेमरी नवागांव कुम्हली खपरी बलौदी पाहन्दाकरेला जामगांव आर बेल्हारी किकिरमेटा भाठागांव आर गांवो में जाकर शिक्षा विमर्श जन संवाद कर संस्कारित शिक्षा के लिए प्रेरित करेंगे।