यूनिसेफ का अनूठा प्रयास:- बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला की स्थापना

आशीष दास

बोरगांव । राज्य में पहली बार 100 से अधिक नागरिक समाज संगठन और गैर सरकारी संगठन ‘ छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला ( सीसीआरओ ) ‘ के तहत संगठित होकर एक साथ आए हैं जिससे बच्चों की भलाई और सुरक्षा की जा सके । वेधशाला राज्य में बाल अधिकारों को बढ़ावा देगी, और उनके हक़ की वकालत करेगी और निगरानी करेगी।

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि ” बच्चों के अनुकूल छत्तीसगढ़ का निर्माण अकेले सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। यह माता – पिता, समुदाय, प्रभावित करने वालों, जनप्रतिनिधि, रजनेताओ, मीडिया और सबसे महत्वपूर्ण नागरिक समाज सहित सभी की साझा जिम्मेदारी है। बच्चों को विकास के केंद्र में रखने और बच्चों के अधिकारों को बरकरार रखने के लिए यह वेधशाला नागरिक सामाजिक संगठनों और यूनिसेफ के नेतृत्व में एक सामूहिक प्रयास हैं। ये वेधशाला माता – पिता , देखभाल करने वालों , समुदायों और परिवारों के बीच बाल अधिकारों के महत्व पर जागरूकता पैदा करेगी । सीसीआरओ सरकार, ग्राम पंचायतों, कॉरपोरेट्स, मीडिया और प्रभावशाली लोगों, राजनेताओं के साथ बच्चों के अधिकारों की वकालत करेगा। संगठन छत्तीसगढ़ में बाल अधिकारों के उल्लंघन की निगरानी और रिपोर्ट करेगा और बाल अधिकारों पर अधिक जागरूकता पैदा करेगा। यह पर रिपोर्ट तैयार करेगा, बच्चों के खिलाफ हिंसा जैसे अभियान शुरू करेगा और जनता और मीडिया के समर्थन से बच्चों की आवाज को तेज करेगा जकरिया ने कहा ।

सीसीआरओ के राज्य सचिवालय के प्रमुख मनोज भारती ने कहा , “सीसीआरओ एक स्वतंत्र निकाय है , जिसमें राज्य भर में एनजीओ और सीएसओ का प्रतिनिधित्व है। यह यूनिसेफ को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। सीसीआरओ छत्तीसगढ़ में बच्चों के समग्र विकास के लिए पहली बार काम करने वाला नागरिक और समाज के बीच का गठबंधन है। श्याम सुधीर बंदी यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ ने कहा वेधशाला की शुरुआत बाल अधिकारों के लिए एक सूत्रधार , अधिवक्ता और संदेशवाहक होगी । यह जनता की भागीदारी नीति की प्रतिबधता और जमीन स्तर पर ठोस कार्रवाई करके बच्चों के विकास को उच्च प्राथमिकता देने का प्रयास करेगा ।

CART के गौतम बंदोपाध्याय , भूपेश तिवारी सचिव “साथी” समाज सेवी संस्थान, एकता परिषद के रमेश शर्मा , बीएसजेवीएस के सुशील कुमार पांडेय वेधशाला के सदस्यों में से हैं और सभी राज्य में क्षेत्रीय सचिवालयों का नेतृत्व करेंगे।