डोंगरगढ़। भावी युवा पीढ़ी के नीव की मजबूती व जनकल्याण के विभिन्न प्रायोजनो को लेकर,छत्तीसगढ़ वनांचल वेलफेयर एंड डेवलपमेंट संस्था द्वारा प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया. छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र की सीमा से लगे ग्राम सीतागोटा में एक जुलाई को सुबह से शाम तक सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता द्धारा ग्राम में सघन जनसंपर्क कर ग्रामीणों की वस्तुस्थिति को रूबरू समझा गया, साथ ही ग्रामीणों में जन जागरूकता लाने का प्रयास निरंतर जारी रखने की बात कही गई है.
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ कार्य कर, सामाजिक कार्यों का अनुभव प्राप्त करने वाले,संस्था के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेश विजयवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्था द्वारा ग्राम सीतागोटा को गोद ग्राम की श्रेणी में रखकर, ग्राम में निवासरत ग्रामीणों को प्रशासन के माध्यम से मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने प्रयास किया जाएगा. जनसंपर्क अभियान में सहयोगी संस्थाओं में प्रमुख रूप से मनोवैज्ञानिक औषविधि सेवा संस्था रायपुर, समाज कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की कठिनाइयों के निराकरण हेतु एल्डर लाइन के सामाजिक कार्यकर्ता, जंगल बचाओ अभियान के तहत ग्राम मड़ियान के सामाजिक कार्यकर्ता तथा कन्यादान फाउंडेशन के कार्यकर्ता शामिल रहे.



घर-घर सर्वे कार्य, कार्यकर्ताओं द्धारा – सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता द्वारा अपने विभिन्न उद्देश्यों को लेकर अलग-अलग ग्रुप में फैलकर ग्राम में सघन जनसंपर्क किया गया. वनांचल फाउंडेशन के कार्यकर्ता वनांचल के विकास की ओर बढ़ते कदम थीम, को लेकर भावी युवा पीढ़ी के नीव की मजबूती, सेनेटरी पैड, सभी का स्वास्थ्य उचित उपचार, बेरोजगारों को रोजगार की दिशा में प्रेरित करने, ग्रामीणों की वस्तुस्थिति को जानने,उनके लिए मूलभूत सुविधाएं कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है,को लेकर सघन जनसंपर्क किया गया. आंगनबाड़ी सहायिका व कार्यकर्ता के साथ,आंगनबाड़ी में अध्यनरत सभी बच्चों के घर जाकर बच्चों के साथ – साथ उनके माता-पिता का हालचाल जाना. उनके रहने, खाने , उठने – बैठने की व्यवस्था के बारे में विशेषज्ञ कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूक किया गया. इस दौरान कार्यकर्ता ग्रामीणों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करते देखें गए.



पेयजल की समस्या सामने आई – जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को बताया कि, शासन की और से पेयजल को लेकर बनाई गई योजना, नल जल योजना का प्रशासन द्वारा हर स्तर पर काफी प्रचार – प्रसार किया जा रहा है, किंतु विभागीय लापरवाही के चलते ग्राम सीतागोटा के ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. पेयजल आपूर्ति के लिए निर्माणाधीन टंकी का निर्माण विगत 2 वर्षों से आधा अधूरा ही है. बोर के माध्यम से सप्लाई होने वाले नल जल कनेक्शन के लिए किए गए बोर मैं पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं निकल रहा है. तत्काल नए बोर की आवश्यकता है.

गौठान उपयोग के लायक नहीं – ग्रामीणों ने बताया कि गौठान का निर्माण जंगल की सीमा में करने से उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है.काफी मशक्कत के बाद गोबर खरीदी की औपचारिकता पूरी की जा रही है. प्रशासनिक स्तर पर कहा गया है कि गौठान की उपयोगिता के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है. गौठान जाने के लिए बनाया गया मार्ग कच्चा होने के कारण आवागमन में असुविधा हो रही है वही गौठान में बिजली पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण गौठान संचालन में समस्या आ रही है.
महाराष्ट्र के लिए बनाया गया पहुंच मार्ग खंडित हुआ – विभिन्न ग्रामों की सीमा में बसा सीतागोटा ग्राम को जंक्शन ग्राम भी कहा जा सकता है.क्योंकि ग्राम सीतागोटा के ग्रामीणों का महाराष्ट्र में आना जाना लगा रहता है, और छत्तीसगढ़ के विभिन्न ग्रामों के ग्रामीण इसी मार्ग से छत्तीसगढ़ की सीमा से महाराष्ट्र व प्रदेश के अन्य ग्रामों में आना जाना करते है. सीतागोटा से डोमाटोला तक 3 किलोमीटर मार्ग जो महाराष्ट्र की ओर जाता है जर्जर अवस्था में है।इस मार्ग का उपयोग छत्तीसगढ़ प्रांत की सीमा में आने के लिए महाराष्ट्र के लोग भी करते हैं. इसी प्रकार स्कूल व आंगनबाड़ी के लिए आने जाने वाले मार्ग में बरसात के दिनों में पानी जमा हो जाने के कारण आवागमन में परेशानी होती है.
स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनुभवहीन -कलेक्टर दर पर नियुक्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता को जो अन्य ग्राम के लिए पदस्थ थी उसे अटैचमेंट के तहत ग्राम सीतागोटा भेजा गया है जिसे स्वास्थ्य उपचार को लेकर विशेष जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार में भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डिलीवरी का अनुभव रखने वाली स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति की मांग ग्रामीण महिलाओं की ओर से की गई है। महिलाओं को डिलीवरी हेतु 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है जिसे लेकर महिलाएं आक्रोशित दिखी.
कुपोषित बच्चे जिन्हें उपचार की आवश्यकता है – आंगनबाड़ी में अध्यनरत बच्चों के किए जा रहे सर्वे के दौरान दो बच्चे ऐसे मिले जो पूर्ण रूप से कुपोषित थे, जिन्हे संपूर्ण उपचार की आवश्यकता है किंतु माता-पिता की घोर लापरवाही के कारण बच्चों का उपचार उचित स्थान पर नहीं किया जा रहा है.
स्कूल छात्र छात्राओं के साथ पौधरोपण -सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बच्चों में पौधरोपण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से बच्चों को साथ लेकर ग्राम के अनेक स्थानों पर पौधरोपण किया व बच्चों के साथ ग्रामीणों को पौधे की रक्षा करने का संकल्प दिलवाया।
सेनेटरी पैड के स्थान पर कपड़ा का उपयोग -ग्राम में किए गए सर्वे के दौरान मौके पर उपस्थित महिलाओं से की गई चर्चा में यह बात निकल कर सामने आई की,ग्राम की अधिकतर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड के स्थान पर कपडे का उपयोग कर रही है. टीम के वालंटियर्स द्वारा महिलाओं को जागरूक कर मासिक धर्म के दौरान कपड़े का उपयोग से होने वाली हानि और मितथ्यो के बारे में विस्तार से बताया गया जिसे महिलाओं ने आत्मसात किया. कार्यक्रम के दौरान कन्यादान फाउंडेशन द्वारा निःशुल्क सेनेटरी पैड का वितरण भी महिलाओं के मध्य किया गया.

अगला पड़ाव शेरपार गांव में -समापन समारोह में उपस्थित ग्राम सीतागोटा के आश्रित ग्राम शेरपार की महिलाओं ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा ग्राम सीतागोटा में दिन भर किए गए जनसंपर्क व जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर उन्हें अपने ग्राम शेरपार में जन जागरूकता अभियान चलाने का निवेदन किया. जिसे सहस स्वीकार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शीघ्र ही शेरपार ग्राम में जनसंपर्क अभियान के तहत जागरूकता अभियान चलाने का आश्वासन दिया।
पुरस्कृत हुए उत्कृष्ट कार्य करने वाले – जनसंपर्क अभियान की समाप्ति पश्चात हुए भव्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों के बीच ग्राम के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका ,शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले, आंगनबाड़ी, प्राथमिक शाला, मिडिल स्कूल के विधार्थी, खेलकूद के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों को जीवन रक्षक के रूप में पौधे से सम्मानित किया गया. सम्मान पाने वालों में प्रमुख रूप से आंगनबाड़ी में अध्ययनरत छात्रा विधि, छात्र मुकेश कवर, नम्रता, विनोद कुमार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रेखा बागड़ी, सहायिका श्रीमती गोदावरी बाई, महिला समूह से पार्वती बाई, सावित्रीबाई, सुखबती बाई,विश्वासा बाई, दुर्गाबाई, पंचायत प्रतिनिधियों में से पंच रीना बाई चंद्रवंशी, भारत लाल उईके, राजीव युवा मितान क्लब से मनीषा प्रीतम, शासकीय कार्यालयों में ग्रामीणों का निरंतर सहयोग प्रदान करने वाले शासकीय सेवक दीपक चंद्रवंशी, वरिष्ठ ग्रामीण जो सेवा कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, महेश चंद्रवंशी, प्रहलाद मंडावी, उत्कृष्ट खिलाड़ी भवानी, रितु उईके, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि सुरेंद्र सेउतकर सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं.