मनवा कुर्मी समाज पाटन राज की अनोखी पहल ,बेटियों को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने किया “रोहणी बाई परगनिहा बालिका समूह” का गठन….सुश्री काजल वर्मा बनी अध्यक्ष

पाटन।छत्तीसगढ़ मानव कुर्मी समाज पाटन राज द्वारा एक जागरूक पहल करते हुए रोहणी बाई परगनिहा बालिका समूह का गठन किया गया है।इस समूह के गठन का उद्देश्य बालिकाओं को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ना है।
इस विषय में पाटन राज प्रधान युगल किशोर आडिल ने बताया कि बालिकाएं ऊर्जा से लबरेज, दूरदर्शिता, जीवन्त उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं, अनादि काल से ही महिलाएं मानवता की प्रेरणा का स्रोत रही हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले तक, महिलाओं ने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव के बडे़ उदाहरण स्थापित किए हैं।

पाटन राज में हुए सामाजिक महाधिवेशन व अन्य कार्यक्रमों मे जब बलिकाओं का समाज के प्रति लगाव देखा तब महिला व युवा कार्यकारिणी के साथ बालिका समूह बनाने का निर्णय लिया और समाज की बालिकाओं को समाजिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए पहली बार पाटन राज में रोहिणी बाई परगनिहा बालिका समूह का गठन किया गया है बीते दिनों खूबचंद बघेल जयंती कार्यक्रम में समूह के सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया।कार्यक्रम मे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे थे उन्होंने बालिकाओं के इस समूह की सराहना की।

सुश्री काजल वर्मा बनी अध्यक्ष

बठेना निवासी काजल वर्मा को रोहिणी बाई परगनिहा बालिका समूह की पहली अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
सुश्री काजल ने बताया कि समाज की नींव युवा पीढ़ी को माना जाता है। और आज के युवा सामाजिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे है, समाज उत्थान के लिए युवा वर्ग का आगे आना एक बड़ी पहल है ,एक बालिका या युवती भी समाज का अभिन्न अंग होती है, जो विवाह उपरांत 2 परिवारों को जोड़ने की एक सामाजिक जवाबदारी निभाती है।कुर्मी समाज की बेटियां भी आत्मनिर्भर बन जीवीकोपार्जन के लिए आर्थिक व मानसिक रूप से सक्षम है, समाज की बालिकाएं कुसंगति नशा पान राजनीतिक भ्रष्टाचारों से दूर है, आज हमारे समाज मे विवाह विच्छेद प्रकरण व अंतरजातीय विवाह के प्रकरण अधिक आते हैं, युवा वर्ग व समाज की बेटियां समाज से जुड़ती है तो वह समाज सेवा पूरी निष्ठा से करती है,बालिकाएं यदि सामाजिक गतिविधियों मे अपनी भागीदारी निभाती है तो उनके व्यक्तित्व विकास के लिए एक सही पहल है, यदि वो अपने बड़े बुजुर्गों के बीच रहकर सामाजिक गतिविधियों को देखती है या समझती है तो, आने वाले समय मे यही बालिकाएं एक आदर्श समाज का निर्माण करेंगी।

कौन है रोहणी बाई परगनिहा

रोहिणी बाई परगनिहा जिनके नाम पर बालिका समूह का नाम रखा गया है, वह एक आदर्श नारी थी,  श्रीमति रोहिणी बाई परगनिहा का जन्म 1919 मे ग्राम तर्रा रायपुर मे हुआ उन्होंने देश के स्वाधीनता आंदोलन में विशेष योगदान दिया। सन 1931 में रोहिणी बाई जब 12 साल की थी तब वे पहली बार जेल गई थीं। डॉ. राधाबाई की टोली में रोहिणी बाई 10 साल की उम्र में शामिल हो गई थीं जो कि सत्याग्रह करने वाले लोगों में सबसे छोटी होने के कारण सत्याग्रह के दौरान झंडा लेकर आगे चलती और नारे लगाती थीं हमारे समाज के लिए व बालिकाओ के लिए देश की स्वाधीनता में उनका समर्पण एक आदर्श है।

ये हैं बालिका समूह की सदस्य

समूह की अध्यक्ष सुश्री काजल वर्मा बठेना को दिया गया , एवम अन्य सुश्री पल्लवी वर्मा बठेना (उपाध्यक्ष) , नेहा वर्मा दरबार मोखली ( सलाहकार) , श्वेता बन्छोर ( सलाहकार) रश्मि वर्मा बठेना( सचिव) , भूमिका वर्मा ( कोषाध्यक्ष), संगम वर्मा अरसनारा ( क्रीड़ा प्रभारी), कामिनी वर्मा धुमा ( सांस्कृतिक प्रभारी)लिसा वर्मा सेलुद( मीडिया प्रभारी), हेमलता वर्मा कुर्मीगुंड्रा ( चिकित्सा प्रभारी),सृष्टि आडिल ( कार्यक्रम प्रभारी), रुचि वर्मा ( प्रवक्ता), गुंजा वर्मा बठेना ( कार्यालय सचिव),हेमलता वर्मा बठेना ( संगठन प्रभारी), चेतना वर्मा करगा ( छात्रसंघ प्रभारी) , मनीषा वर्मा ( संगठन प्रभारी),दीपांजली वर्मा ( छात्रवृत्ति प्रभारी) सदस्यगणों के रूप मे भावना वर्मा बठेना , करुणा वर्मा सेमरी,रोशनी वर्मा बठेना, हिना बन्छोर बठेना, कुमकुम वर्मा बठेना, गायत्री वर्मा देमार, नीलम वर्मा खम्हरिया, हिमानी वर्मा डंगनिया, लेखिका बन्छोर बठेना, रश्मि वर्मा बठेना, रोशनी वर्मा पंदर, नमिशा वर्मा बठेना, दामिनी वर्मा अखरा, चंचल वर्मा बठेना, डॉली वर्मा पंदर, माही वर्मा पंदर, वासु वर्मा बठेना, लुबिना बन्छोर बठेना, खुशी वर्मा बठेना, प्रिया वर्मा बठेना,ईशा वर्मा पंदर, गरिमा वर्मा पंदर, रुपाली वर्मा पंदर शामिल हैं।