पाटन। विकासखण्ड पाटन के ग्राम महुदा में इथेनॉल प्लांट लगाए जाने के ज्योत्सना ग्रीन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को इथेनॉल संयंत्र लगाने ग्राम पंचायत द्वारा 15 एकड़ जमीन आबंटन किया गया था। ग्रामीणों द्वारा सरपंच पर प्लांट लगाए जाने के लिये गुपचुप तरीके से जमीन आबंटन किये जाने का आरोप भी लगाया गया था। ग्रामीणों ने बताया की 9 दिसंबर गुरुवार को बैठक भी रखी है। सुबह 10 बजे बैठक रखी गई है। इससे पहले ही पूर्व सरपंच कमाता पटेल व ग्रामीण रामू साहू को पुलिस अम्लेश्वर थाना ले गई है। इसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश और बढ़ गया है।
गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत महुदा द्वारा 24 जनवरी 2022 को पंचायत में ज्योत्सना ग्रीन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को इथेनॉल संयंत्र लगाए जाने प्रस्ताव पारित किया गया था। गाँव मे इथेनॉल प्लांट लगाए जाने की जानकारी मिलते ही ग्रामीण लामबंद हुए और 26 सितंबर को जिला कलेक्टर एवं एसडीएम पाटन के नाम ज्ञापन सौप कर लीज को निरस्त किये जाने की मांग किया गया।

लीज निरस्त नही होने एवं 6 अक्टूबर को आबंटित जगह पर बोर खनन करने की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण बड़ी संख्या में खनन रुकवाने पहुंचे ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां से मशीन हटाया गया।
सरपंच को बर्खास्त करने हुआ था प्रस्ताव
ग्राम महुदा में ग्राम समिति की बैठक 7 अक्टूबर को आयोजित की गई थी। जिसमे उपस्थित पंचों से ग्रामीणों ने प्लान्ट के प्रस्ताव के संबंध में जानकारी मांगा था। तब पंचों ने कहा था कि सरपंच द्वारा गुमराह करके पंचायत में प्रस्ताव लिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों की उपस्थिति में सरपंच को बर्खास्त किये जाने पंचायत सचिव को आवेदन दिया गया था।
पंचायत ने पहले प्लांट लगाने का लिया प्रस्ताव फिर हटाये जाने का लिया प्रस्ताव
ग्राम पंचायत महुदा द्वारा 24 जनवरी को सर्व सम्मति से इथेनॉल प्लांट लगाए जाने का प्रस्ताव लिया गया। जिसके बाद ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए 17 अक्टूबर को पंचायत में लीज को निरस्त किये जाने का प्रस्ताव लिया गया।
बोर मशीन को देख आक्रोशित हुए ग्रामीण
महुदा के ग्रामीण प्लांट नही लगाने के लिये कलेक्टर एवं एसडीएम को आवेदन दे चुके थे। ग्रामीणों के।विरोध के चलते ग्राम पंचायत द्वारा भी लीज निरस्त किये जाने का प्रस्ताव लिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों को लगा था कि अब गाँव मे प्लांट नही लगेगा। लेकिन ग्रामीण उसी जगह पर बुधवार को एक बार फिर से बोर मशीन देखकर आक्रोशित हो गए और बोर खनन रुकवाने बड़ी संख्या में पहुंचकर विरोध जताने लगे। ग्रामीणों को समझाइश देने अमलेश्वर पुलिस भी पहुंचे थे।