पंडरिया। जल संसाधन पंडरिया अंतर्गत क्रांति जलाशय नहर के पक्की नाली निर्माण में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ रही है।केनाल व नाली के लिए करीब 42 करोड़ की स्वीकृति मिली है।शुरुवात में ही नाली निर्माण में स्तरहीन सामग्री का प्रयोग हो रहा है वहीं सही पैमाने पर निर्माण नहीं किया जा रहा है। मैनपुरा के पास नहर में पक्की नाली का निर्माण प्रारम्भ किया गया है जिसमें स्थानीय रेत का प्रयोग किया जा रहा है।
जो मिट्टी युक्त है तथा देखने में बजरी जैसा प्रतीत होता है।इस प्रकार के रेत के प्रयोग से नाली की गुणवत्ता का आंकलन किया जा सकता है।पहली बरसात के पानी में ही यह नाली टूट जाएगा।इसके साथ ही नाली में बनाये गए फाल की मोटाई भी अत्यंत कम है,फाल की अधिकतम मोटाई डेढ़ इंच से अधिक नहीं है।नाली में पानी की तराई भी नहीं के बराबर की जा रही है।
निर्माण के बाद कुछ दिनों में टूटने लगी नाली– नाली निर्माण के हप्ते भर बाद ही नाली भसकने लगी है।

फाल की मोटाई कम होने तथा स्तरहीन मटेरियल के चलते ही नाली टूटने लगी है।नाली के अलावा नाली क्रासिंग के लिए नया पुल नहीं बनाया जा रहा है।वर्षो पहले बने पुलिया की मरम्मत की जा रही है।
विभाग नदारत-स्तरहीन निर्माण को देखने वाला नहीं है,जल संसाधन विभाग के अधिकारी करोड़ो के कार्य को ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिये हैं।ग्रामीण अशोक साहू ने बताया कि ठेकेदार द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य किया जा रहा है।पुलिया व नाली के फाल टूटने लगे हैं तथा दरारें पड़ने लगी है।जल संसाधन विभाग को निर्माण कार्य का सतत मॉनिटरिंग करनी चाहिए जिससे गुडवत्ता पूर्वक कार्य हो सके।