जशपुर। जशपुर जिले में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एफएमडी सघन टीकाकरण अभियान का 7 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें पशुपालन विभाग के 57 दलों द्वारा टीकाकरण गठित कर सतत अभियान चलाया जाएगा। कार्यालय उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले को 4,66,453 मवेशियों के टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त है। इसमें समस्त गोवंशीय व भैंस वंशीय पशुओं का एफएमडी टीकाकरण किया जाएगा।
मुंहपका खुरपका रोग खुर और दो खुरों वाले पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेंड, बकरी, हिरन, भेड़, सूअर तथा अन्य जंगली पशुओं में होने वाला एक अत्यंत संक्रामक व घातक विषाणु जनित वायुकोषिय रोग है।

गायों और भैंसों को खुरपका रोग काफी प्रभावित करता है। यह काफी तेजी से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसे प्रभावित होने वाले जानवर मे अत्यधिक तेज बुखार के साथ मुंह और खुरों पर छाले और घाव बन जाते हैं। रोग के असर के कारण कुछ जानवर स्थायी रूप से लंगड़े भी हो सकते हैं, जिस कारण वे खेती में उपयोग के लायक नहीं रह जाते। इसका संक्रमण होने के कारण गायों का गर्भपात हो सकता है और समय पर इलाज नहीं होने के कारण युवा बछड़े की मृत्यु भी हो सकती हैं।
संक्रमित मवेशियों के दूध उत्पादन मंें गिरावट
इन बीमारियों की चपेट में आने से अचानक से गिरावट आ जाती हैं। साथ ही ऐसे मवेशियों का दूध अनुपयोगी हो जाता है। इस रोग के कारण कृषक को बहुत धन की हानि होती है और कार्य भी बाधित हो जाते हैं। इस के लिए इस बीमारी के रोकथाम के लिए गायों और भैंसों का टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। डॉ. जीएसएस तंवर, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं ने जानकारी देते हुए बताया कि इस रोग का कोई निश्चित उपचार नहीं है। टीकाकरण ही इस बीमारी से बचाव के लिए कारगर है।