पुलिस छावनी में तब्दील हुई ग्राम रूही,अविश्वास प्रस्ताव के सम्मिलन के दौरान शांति व्यवस्था बनाने लगाई गई थी ड्यूटी, एसडीओपी ने स्वयं संभाला था मोर्चा


पाटन। ग्राम पंचायत रूही के सरपंच को आखिरकार सरपंची छोड़नी पड़ेगी। ग्राम पंचायत के पंचों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। बता दे की इससे पहले भी पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया जिसमे कामयाब नही हो पाए थे। दूसरी बार में यह सफलता पंचों को मिली है।

ग्राम पंचायत रूही में कुल 13 पंच है। सरपंच भारती जांगड़े के मिलाकर 14 मत हुवे। जिसमे से उपसरपंच अनुपस्थित रहे। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत ओर विपक्ष में 2 मत मिले। इस तरह से प्रस्ताव बहुमत से पास हो गया। सरपंच भारती जांगड़े अपनी सरपंची नही बचा पाई।

उपसरपंच है फरार
बताया जा रहा है की एक अपराधिक मामले में ग्राम रूही के उपसरपंच हितेंद्र पटेल फरार है। आज उनके आने की संभावना को देखते हुवे बड़ी संख्या में पुलिस बल भी लगाया गया था। वही सतनामी समाज के लोगो ने भी उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे है।

पुलिस छावनी में तब्दील रहा रूही
पुलिस के अनुसार पाटन थाना के ग्राम रूही संवेदनशील ग्राम की श्रेणी में शामिल है। यहां पर अक्सर बाद विवाद मारपीट की घटना होती रहती है। अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा ओर मतदान के समय शांति बनी रहे इसके लिए पुलिस ने तगड़ी व्यवस्था की थी। एसडीओपी देवांश सिंह राठौर स्वय मोर्चा संभाले थे। उनके साथ पाटन थाना प्रभारी राजकुमार लहरे सहित पूरी टीम और अमलेश्वर थाना, रानितराई की टीम मुस्तैद रही। इसके अलावा महिला पुलिस बल भी बड़ी संख्या में रूही में तैनात की गई थी। पंचायत भवन के चारो तरफ पुलिस का पहरा लगा था। मुख्य गेट पर भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया था। ग्रामीणों में यह भी चर्चा रही की पंचायत भवन के पास ग्रामीणों की संख्या से ज्यादा पुलिस की संख्या दिख रही थी।

अज्ञात वास से सीधे पंचायत भवन पहुंचे पंचगण
अविश्वास प्रस्ताव लाने की तिथि निर्धारित होते ही एक पंच को छोड़कर सभी पंच अज्ञात वास में चले गए थे । जानकारी के मुताबिक बस्तर में सभी पंच ठहरे हुवे थे। मां दंतेश्वरी के प्रांगण में सभी पंचों को अविश्वास प्रस्ताव को पारित कराने का संकल्प भी दिलाया गया था। सोमवार को सम्मिलन से कुछ देर पहले सभी पंच गाड़ी में सवार होकर रूही पहुंचे और सीधे पंचायत भवन में चले गए।

पुलिस अधिकारी पंचायत के अंदर ही फंस गए थे
अविश्वास प्रस्ताव के सम्मिलन के बाद सभी पंच नारे लगाते हुवे बाहर निकल गए। नायब तहसीलदार आलोक वर्मा सहित जितने भी भवन के अंदर से सब निकल गए। लेकिन पुलिस के जवान अंदर ही छूट गया। कोटवार ताला लगाकर घर चले गए। बाद में में पुलिस के जवान ने अंदर से आवाज लगाई तो गेट के बाहर मौजूद एसडीओपी ने तत्काल कोटवार को बुलाकर ताला खुलवाया, इसके बाद वो जवान बाहर निकले।