खारुन नदी पर पुल निर्माण के लिए भेलवाकुदा के ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की ,
धमतरी और दुर्ग को जोड़ने का सबसे पुराना मार्ग


नगरी/सिहावा,बेलरगांव।जिला मुख्यालय धमतरी से 30 किलो मीटर और जिला मुख्यालय दुर्ग से 50 किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत रानीतराई व ग्राम पंचायत गाढ़ाडीही आश्रित ग्राम भेलवाकुदा के बीच खारुन नदी गुजरता है। धमतरी और दुर्ग को जोड़ने का सबसे पुराना मार्ग है। ये नदी की दुर्ग जिला और धमतरी जिला की सीमा रेखा को दर्शाता है। जहां लगभग 25 वर्ष पूर्व पुल का निर्माण किया गया था। जिसकी ऊंचाई काफी कम है। बारिश के दिनों में जल बहाव ज्यादा होने कारण आवाजाही पूरी तरह प्रभावित हो जाती है। लोगों को गणतव्य तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। क्षेत्र के लोगों द्वारा लम्बे समय से पुल बनाने का मांग कर रहे है, लेकिन अब तक पूरा नही हो पाया है।

दुर्ग जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत रानीतराई में स्कूल, अस्पताल, बैंक,  पेट्रोल पंप, दुकानों सहित अनेक संस्थाएं संचालित है, नजदीक में सुविधा होने के कारण दुर्ग जिला के अलावा धमतरी जिले के अनेक गांव आश्रित है। इस रास्ते से मालवाहक, दोपहिया, चारपहिया के साथ दुर्ग से धमतरी के लिए कई यात्री बसे भी चलती है। लेकिन बारिश के दिनों में अपना रूट बदल लेते है। यातायात के दृष्टिकोण से भेलवाकुदा के ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। ग्राम गाढ़ाडीही आश्रित ग्राम भेलवाकुदा, पचपेड़ी, कोपेडीह, हंचलपुर, कोर्रा समेत अन्य गांव के ग्रामीणों ने एक बार फिर खारुन नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। इन गांवों के लोग वर्षों से दुर्ग, पाटन, रानीतराई आने-जाने के लिए बारिश के दिनों में खारुन नदी को पार करने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि गांव के दर्जनों छात्र-छात्राएं प्रतिदिन इस नदी को पार कर विद्यालय पहुंचते हैं। जलभराव अधिक होने पर अन्य रास्तों जाना पड़ता है। बरसात के दिनों में नदी में तेज बहाव और जलस्तर बढ़ जाने से खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग और प्रशासन को भेजा गया, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है।

बरसात के मौसम में नदी में पानी का बहाव इतना तेज हो जाता है कि लोग रानीतराई से पूरी तरह कट जाते हैं। ग्राम  पंचायत गाढ़ाडीह के सरपंच पूर्णिमा धनकर ने बताया कि हर साल बरसात में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। यह स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। फिरहाल नदी से 100 मीटर की दूरी पर बैरीकेट लगाया गया है। भेलवाकुदा के स्थानीय ग्रामीण चंदू राम साहू ग्राम प्रमुख, अनिल पंच, जितेंद्र निषाद पंच, लक्ष्मण पंच, तोषी निषाद, पूर्णिमा पंच, प्रेमलता, रोशनी पंच, रमेंद्र साहू पंच, मंशा ठाकुर, नागेश कोटवार, जागेश्वर प्रसाद, शत्रुघन धनकर, नरेन्द्र साहू, डोमेश साहू, समेत ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से जल्द से जल्द पुल निर्माण कराने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पुल का निर्माण नहीं हुआ तो यहां बड़ी दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने कहा कि पुल निर्माण से न केवल बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित होगी, बल्कि गांवों का संपर्क रानीतराई, पाटन, दुर्ग, भिलाई सहित अन्य शहरों से वर्षभर बना रहेगा।