
राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय दुल्लापुर बाजार में स्वामी विवेकानंद की जयंती को बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। अधीक्षिका कामिनी जोशी द्वारा उनके सामाजिक योगदान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई उन्होंने बताया गया।उन्होने बताया कि विवेकानन्द के विचारों में भारत के सामाजिक जीवन को उन्नत करने की प्रबल आकांक्षा हैं। वे भारत के पुनर्जागरण के लिए सामाजिक सुधारों को भी बहुत जरूरी मानते है।विवेकानन्द ने भारत में प्रचलित जात-पात, छूआछूत तथा सम्प्रदायवाद जैसी सामाजिक बुराइयों की कटु आलोचना की एवं इन्हें सुधारने का प्रयास किया। उनका मत था कि भारत के पतन का मुख्य कारण उसकी सामाजिक दुर्बलताएँ हैं। इन दुर्बलताओं में प्रमुख रूप से छूआछूत, पाश्चात्य भौतिक संस्कृति के प्रति आकर्षण, जाति-पाँति के भेद, रूढ़िवादिता तथा बाल-विवाह जैसी कुप्रथाएँ शामिल हैं।जिसे उनके द्वारा दूर किया गया।इस दौरान बालिकाओ दारा (युथ डे )लिखकर मानव शृंखला बनाया गया तथा बच्चों का राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया। अन्य शिक्षकों द्वारा उनके अनमोल वचनों पर प्रकाश डाला गया।
