सौर सुजला योजना से आसानी से मिल रहा सिंचाई के लिए पानी, बढ़ रहा है उत्पादन

रिपोर्टर- प्रभा यादव

जशपुर : सौर सुजला योजना अंतर्गत जिला जशपुर में अब तक 11308 हितग्राहियों के खेत में सिंचाई के लिए सोलर पंप की स्थापना की जा चुकी है। यह योजना उन सभी कृषकों के लिए है जो जलस्रोत होने पर भी खेतों में सिंचाई के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं।

उनके लिए यह योजना कारगर सिद्ध हो रहा है। इस योजना से जहां किसान भरपूर पानी अपने खेतों तक पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ खेतों में भरपूर पानी होने के चलते दो सीजन की फसल भी ले रहे हैं। किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ तक आमदनी हो रही है। क्रेडा विभाग के अधिकारी लक्ष्य से ज्यादा प्रगति करने पर कम लागत में सोलर सिस्टम उपलब्ध होने के साथ-साथ इसके कई फायदे को बता रहे हैं।

किसानों को सब्सिडी में 3 और 5 एचपी के सोलर सिस्टम इस योजना के तहत दिए जा रहे हैं। कई किसान तो ऐसे भी हैं जो फसलों के अलावा मौसमी साग-सब्जी की भी खेती कर रहे हैं। इस योजना से गरीब किसान पानी की उपलब्धता आसानी से प्राप्त कर अपनी फसलों को सिंचाई कर अधिक पैदावार होने से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार कर एक बेहतर जीवन की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

ग्राम डूमरटोली हितग्राही जयतुन, खलखो, क्षमता 05 एचपी सरफेस कराया गया। हितग्राही द्वारा धान, गेहूं, उड़द, मूंगफली, गोभी, मिर्च, मटर अन्य मौसमी सब्जी पैदावार किया जा रहा है। इसमें लगभग 50 हजार रुपए प्रति वर्ष की आमदनी कृषक को हो रहा है। इसके अतिरिक्त 11308 हितग्राहियों द्वारा 4523.2 हेक्टेयर में सिंचाई कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1000 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसके विरुद्ध 815 हितग्राहियों के लिए स्वीकृति की जा चुकी है। जिले के निर्मित गोठानों एवं चारागाहों में भी सौर सुजला योजनांतर्गत सोलर पंप का स्थापना कार्य कराया गया है एवं कराया जा रहा है। सोलर पंप के लगने से गोठानों में पेयजल के लिए एवं चारागाह में चारा उत्पादन में मदद मिल रही है।

ऐसे मिला जिले के किसानों को योजना का फायदा कुछ समय पहले के समय पर नजर डाले तो उन किसानों को खासी परेशानी होती थी। इन खेतों में बिजली और सिंचाई की सुविधा नहीं थी। जमीन होने के बाद भी किसान मजदूरी करते थे और दर-दर भटकते थे। कुछ ऐसे भी किसान थे जो बिजली होने के बाद बिजली के आने वाले बिलों को लेकर परेशान रहते थे। नतीजा बिल को देखकर कई किसान खेती करना छोड़ मजदूरी करने को मजबूर होते थे। ऐसे किसानों के लिए सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है।

आदिवासी बाहुल्य इलाके में ज्यादा फोकस कर रहे जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके सन्ना, बगीचा मनोरा और फरसाबहार ब्लॉक में जिला प्रशासन द्वारा सौर सुजला योजना पर अधिक फोकस किया जा रहा है। क्योंकि इन आदिवासी बाहुल्य इलाके में आज भी किसान न सिर्फ पिछड़े हुए है, बल्कि कई गांवों तक बिजली की आपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। इसके चलते क्रेडा विभाग के द्वारा इन तीनों ब्लॉकों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।