पाटन। नायक परिवार द्वारा ग्राम कसही में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण का सोमवार को समापन हो गया इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन वक्ताओं को संबोधित करते हुए भागवताचार्य रेणुका दीदी ने कहा कि जिसे समाज ठुकराता है। उसे भगवान कृष्ण अपनाते हैं। आजकल लोग मतलब के लिए दोस्ती करते हैं और सुदामा कृष्ण की कहानी का हवाला देते हैं। जो कोई स्वयं को भगवान तुल्य समझता है। उसका विनाश निश्चित है।

श्रीमद् भागवत महापुराण में जब यह प्रसंग आया कि भूमासुर नामक राक्षस ने 16001 कन्याओं का अपहरण कर लिया था और संख्या 20 हजार होने पर उससे शादी करना चाहता था। भगवान से कृष्ण ने सभी 16 हजार एक कन्याओं को राक्षस की कैद से मुक्त कराया, किंतु लोक लाज की डर से परिजनों ने कन्याओं को नहीं अपनाया। तब भगवान कृष्ण ने इन कन्याओं से विवाह किया और इन्हें समाज में सम्मान दिलाया, इसलिए कहा जाता है जिस समाज ठुकराता है उसे कृष्णा अपनाते हैं।
राजा पौंड्रिक की कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि पौंड्रिक स्वयं को अवतारी बता लोगों से अपनी पूजा करवाता था। भगवान कृष्ण ने दुनिया के सामने उसकी सच्चाई रखी और दुराचारी का अंत किया। जो व्यक्ति स्वयं को भगवान तुल्य समझता है। वह ईश्वर का ही नहीं समाज का भी सबसे बड़ा दोषी होता है।
श्रीकृष्ण सुदामा की कथा का वर्णन करते हुए रेणुका दीदी ने बताया कि अपने सहपाठी का सम्मान आज भी बड़े बुजुर्ग करते हैं और जब आपस में मिलते हैं तो उनकी आंखें नम होती है, परंतु अब लोग मतलब के लिए मित्रता करते हैं। हमें कृष्ण- सुदामा की कथा से सामाजिक समरसता और भेदभाव दूर करने की शिक्षा लेनी चाहिए। बताया गया कि मंगलवार को गीता श्रवण के पश्चात तुलसी वर्षा की जाएगी।
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