जब किसी बच्चे ने शैतानी कर शायरी लिखकर भेज दिया, टीचर ने उसकी सजा मुझे दी, बेसरम की लकड़ी से हुई पिटाई, उसके उन्होंने क्या किया, पढ़िए राजेश्वर यादव की यह आलेख अपने शिक्षक को समर्पित


सीजी मितान डेस्क। सन 1986 प्राथमिक शाला लोहरसी की बात है जब मै कक्षा दुसरी का छात्र था मेरे बगल वाले लड़के ने सायरी लिख कर मेरे पास फेक दिया उसी समय श्री युगल किशोर वर्मा गुरुजी क्लास ले रहे थे उसने देख लिया और मेरे पास आया और क्या है करके देखा तो उसमे गन्दा सायरी लिखा था फिर क्या गुरुजी जी ने बेशरम के डन्डे से पिटाई किया। उसी समय से मै सोच लिया था की पुरी पड़ाई तक अब किसी गुरुजी से मार नही खाऊंगा ।फिर मेरा सिर्फ ध्यान सिर्फ और सिर्फ लिखने पड़ने मे रहता था फिर आगे के क्लास बड़ते गया थोड़ा गणित मे कमजोर था तो ग्राम रवेली के गुरुजी जो उस समय गुरुजी नही था श्री ब्रह्मा नन्द वर्मा जी ने गाइडेंस दिया जो अभी मटंग स्कूल मे है फिर मेरा कालेज की शिक्षा हुई तो मै जिस स्कूल मे शिक्षा लिया था उसी स्कूल का जन भागीदारी समिति का अध्यक्ष बन गया जिस गुरुजी युगल किशोर वर्मा से मै मार खाया था तब वह उसी शाला मे हेड मास्टर थे तो मैने पैर छूकर बोला की सर आपने मुझे कक्षा दुसरी मे डन्डे से बहुत मारे थे उसी का नतिजा है की मै आज डॉक्टर बन गया और शाला का अध्यक्ष हु आपके मार मेरे लिये आशीर्वाद बन गया ।

(जैसा की डॉक्टर राजेश्वर यादव लोहरसी छोटे पारा के द्वारा सीजी मितान को साझा किया गया)