जब कटघोरा एसडीओपी आधी रात खुद ग्राहक बनकर पहुँचे अवैध शराब बिक्री वाले ढाबा में, 42 पाव देशी-अंग्रेजी शराब के साथ आरोपी गिरफ़्तार

कोरबा/पाली । जिले के पाली थाना में पदस्थ पुलिस अधिकारी से लेकर पुलिस कर्मी तक अपने दायित्वों से मुह फेरकर थाना को बदनाम व वर्दी की छवि धूमिल करने में तुले हुए है। यहां पुलिस की मनमानी किसी की नजरों से छिपा नही रह गया है, और कानून व्यवस्था इतना बिगड़ चुका है कि जनता आज अपने आप को महफूज नही समझ पा रहा और अवैध कार्यों को अंजाम देने वाले तत्व एवं अपराधिक वर्ग थाना प्रभारी के कक्ष में साथ बैठकर चाय की चुस्की लेते नजर आते है, थाने की जिस दुर्दशा को देखकर अब शिकायत करने वाले व्यक्ति भी थाना जाने से कतराने लगे है। थाना प्रभारी बतौर जब से यहां निरीक्षक अनिल पटेल की पदस्थापना हुई है, उनके शह पर अवैधानिक कार्यों को खुलकर बढ़ावा मिला है। जिसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब एसडीओपी खुद आधी रात कमान सम्हाले पाली स्थित एक शराब बिक्री वाले ढाबा में ग्राहक बनकर जा पहुँचे। बता दें कि पाली में संचालित राघवेंद्र ढाबा में लंबे समय से देशी- अंग्रेजी शराब की ऊंचे दर पर बिक्री ढाबा संचालक द्वारा किया जा रहा था। बदले में पाली पुलिस को शराब, कबाब व माहवारी के रूप में खुश करने की परंपरा अपनायी जा रही थी। जिसकी शिकायत कटघोरा पुलिस एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी को काफी दिनों से मिल रही थी। जहां उन्होंने लगातार मिल रहे शिकायत को लेकर बीते गुरुवार 2 जून की मध्यरात्रि पाली पहुँच व खुद ग्राहक बनकर सीधे शराब बिक्री वाले ढाबा जा पहुँचे। जहां मांग पर ढाबा संचालक ने भी सहज रूप से उनके हाथों में चेप्टी थमा दी। इस दौरान उन्होंने अपना परिचय बता जब ढाबे की तलाशी ली तो देसी प्लेन एवं अंग्रेजी शराब की बोतलें कुल 42 पाव अवैध रूप से भंडारण एवं बिक्री हेतु पाया गया। जिसके बाद एसडीओपी ने थाना प्रभारी अनिल पटेल को तत्काल मौके पे तलब कर जमकर फटकार लगाई व शराब जब्ती के संबंध में निर्देश दिए। जिसके बाद आरोपी को धारा 91का नोटिस देकर वैद्य कागजात लाइसेंस पेश करने निर्देशित किया गया। कागजात नहीं पेश कर पाने पर ढाबा संचालक दो आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य सबूत के तहत आबकारी एक्ट की धारा 34(2), के तहत कार्रवाई किया गया। पाली थानांतर्गत यह एकमात्र ढाबा नही जहां शराब बिक्री किया जाता रहा है, अपितु नगर एवं थाना क्षेत्र में स्थित अनेक ढाबों और होटलों में बिंदास तरीके से शराब परोसी जाती है। जहां खाने की अच्छी व्यवस्था हो या न हो सुरापान की व्यवस्था आपको जरूर मिल जाएगी। रही बात पाली पुलिस की तो खूब पिलाओ- खूब कमाओ की तर्ज पर पुलिस ने होटलों- ढाबों संचालकों से हाथ मिला लिया है। जिनके लिए अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाए जाने पुलिस प्रशासन का स्पष्ट चेतावनी भी बेअसर साबित हो रहा है। ऐसे में पुलिस भी क्या करें जब अवैध ठिकानों से इनका जेब खर्चा चलता हो, तब तो “चढ़ावा लिए चले न काम- पाप मिटावन सीता राम” का अलाप करना जायज ही है।