डोंगरगढ़ में वाइल्ड ट्रैकिंग और कैम्पिंग की शुरुआत, ट्रेकिंग के दौरान पेड़ पौधों साहित जंगल में पायी जाने वाली जड़ी बूटियों की मिलेगी जानकारी…बढ़ेगा पर्यटन

राजू वर्मा सीजी मितान न्यूज़

इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ और् वन प्रबंधन समीती खुर्शीपार एवं रानीगंज सहित् स्थानीय समिति के संयुक्त तत्वाधान में राजनांदगाव जिले अंतर्गत डोंगरगढ़ क्षेत्र में वाइल्ड ट्रेकिंग और कैंपिंग की शुरुआत की जा रही है। जंगल ट्रेकिंग के दौरान पेड़ पौधों साहित जंगल में पायी जाने वाली जड़ी बुटिया और पर्यावरण सम्बन्धित जानकारी दी जाएगी।

साथ ही साथ जंगल में शुद्ध वातावरण के बिच मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए योगा, मेडिटेशन और एक्सरसाइज जैसी गतिविधिया भी कराई जाएगी। जंगल ट्रेकिंग और कैंपिंग को मनोरंजक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन भी कराया जायेगा। नाईट कैंपिंग के दौरान स्टार्गेज़िंग नाईट का आयोजन भी किया जायेगा जिसमे लोगो को जंगल के बिच आकाश में टीमटीमाते तारो को देखने और उनकी जानकारियो से अवगत होने का मौका मिलेगा।

इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष प्रमेश विजयवार ने बताया की हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ में ट्रेकिंग और कैंपिंग जैसी गतिविधियों का संचालन करते हुए रोजगार के नए अवसर सृजित करना और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है। हम जंगलों के संरक्षण, वन्य जीवों की सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों, युवाओं और समाज के सभी वर्गों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना हमारी प्राथमिकता है। आने वाले समय में हम ट्रेकिंग और कैंपिंग के अलावा साहसिक गतिविधिया जैसे रॉक क्लाइमबिंग, रैपलिंग, कयाकिंग इत्यादि कराने की भी योजना बना रहे है। इन प्रयासों के तहत, हम छत्तीसगढ़ को साहसिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना चाहते हैं। हमारी गतिविधियां न केवल रोमांच का अनुभव प्रदान करती हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता, जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना भी विकसित करती हैं। इससे समाज और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी।

सुरक्षा –
इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ और वन प्रबंधन समिति के संयुक्त तत्वाधान में वाइल्ड ट्रेकिंग और कैंपिंग के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशिक्षित गाइड और विशेषज्ञ हर गतिविधि के लिए मौजूद रहेंगे, और प्रतिभागियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
सुरक्षित मार्गों का चयन और प्राथमिक चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। नाइट कैंपिंग के दौरान सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे, ताकि प्रतिभागी बिना किसी चिंता के प्रकृति और साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकें।

वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता –
प्रतिभागियों को जंगल के पर्यावरण, वहां पाए जाने वाले वन्यजीवों और उनके संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी ।

स्थानीय व्यंजनों का स्वाद –
प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन जैसे चीला, फरा और भजिया चखने का मौका मिलेगा। इस अनुभव से वे क्षेत्रीय खानपान की खासियत और स्वाद को करीब से जान सकेंगे।

प्लास्टिक मुक्त पहल-
कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, उन्हें ऐसे विकल्पों का उपयोग करना सिखाया जाएगा, जो बार-बार इस्तेमाल किए जा सकें।

स्थानीय समुदाय की भागीदारी-
इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों को शामिल किया जाएगा। वे प्रतिभागियों को जंगल और वहां के संसाधनों के बारे में जानकारी देंगे और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे। इससे प्रतिभागियों को ग्रामीण जीवन और पर्यावरण के प्रति समझ विकसित करने का मौका मिलेगा।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे –
डोंगरगढ़ क्षेत्र मे ट्रेकिंग को लेकर डीएफओ आयुष जैन ने कहा कि वन क्षेत्र मे ट्रेकिंग से यहाँ के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।