रिपोर्टर- चंद्रभान यादव
जशपुर जिले के जनपद पंचायत बगीचा अंतर्गत ग्राम पंडरापाठ गोठान की महिला स्व सहायता समूह ने गोठान में जैविक खाद उत्पादन के साथ ही अन्य विविध गतिविधियां कर रही है। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ सामाजिक रूप से सुदृढ़ भी हुई हैं। 3 महिला समूहों ने लगभग गोठान के 7 एकड़ भूमि में 150 क्विंटल आलू की खेती की है। इसमें ज्योति स्वसहायता समूह, कृष्णा स्व सहायता समूह व लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं ने हल्दी व मक्का की खेती भी कर रहे हैं।
सब्जी उत्पादन के रूप में टमाटर व भिंडी की भी खेती की गई है। समूह की महिलाओं का कहना है की इस वर्ष आलू की फसल अच्छी हुई है, जिससे पर्याप्त मात्रा में आलू का उत्पादन होगा। इसे बेचने से उन्हें लगभग 7 लाख तक की आमदनी प्राप्त होगी। उनकी मक्का, टमाटर व भिंडी की फसल भी जल्द ही तैयार हो जाएगी। स्थानीय बाजार व मंडियों में इन फसलों को बेचने से उन्हें जल्द ही लाभ होगा। समूह की महिलाओं ने बताया कि आजीविका गतिविधियों के रूप में उनके द्वारा गोठान में आलू चिप्स बनाना व तेल पिराई का भी कार्य किया जाता है।
साथ ही मुर्गी-बकरी पालन भी कर रही हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग उन्हें मुर्गी बकरी यूनिट प्रदान की गई है व रख रखाव के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान दिया गया है। गोठान में 20 क्विंटल जैविक खाद तैयार महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा इस वर्ष गोठान परिसर में निर्मित डबरी में मछली पालन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक गोठान में पशुपालकों से 46,662 किलो गोबर खरीदा है। इससे अब तक लगभग 20 क्विंटल जैविक खाद का निर्माण भी किया जा चुका है। साथ ही टाको में भरे खाद का नियमित रूप से छनाई व पैकिंग का कार्य महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
पशु पालन से हो रही अतिरिक्त आय मुर्गी-बकरी पालन के लिए गोठान में शेड का निर्माण किया गया है। जहां विभाग से मिले मुर्गी-बकरी को रखकर उनका पालन किया जा रहा है। महिलाओं की नियमित देख रेख व उचित ख्याल रखने से चूजे जल्द ही बड़े हो रहे है और जल्द ही बेचने के लिए उपलब्ध होंगे। समूह की महिलाओं को विभाग पूरा सहयोग करता है। समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में संचालित सभी गतिविधियों से अब तक उन्हें लगभग 1.20 लाख की आमदनी हुई है। साथ ही इस वर्ष आलू की खेती एवं मछली पालन से उन्हें लगभग 8 लाख तक की आय प्राप्त होगी।