विश्व फोटोग्राफी डे विशेष : आपकी एक तस्वीर समाज को सार्थक संदेश दे सकती है – सत्यप्रकाश पांडेय

फोटोग्राफी क्या है ? सबसे पहले इसे समझना होगा, कैमरा और लेंस सिर्फ माध्यम हैं। असल कमाल, या फिर यूँ कहूं कि किसी भी फोटो में प्राण वायु उस दिमाग की उपज होती है जो व्यू फाइंडर के पीछे से झाँक रहा होता हैं। इस कला में पारंगत होना या परिपूर्ण हो जाना ठीक उसी तरह है जैसे अनंत सागर की गहराई को छू लेना। दरअसल फोटोग्राफी है क्या इसे समझने के लिए कुछ मौलिक बातों को समझना बेहद जरूरी है। किसी भी अन्य आर्ट-फॉर्म की तुलना में फोटोग्राफी में आब्जरवेशन का महत्व सबसे अधिक है। यहाँ एक बात समझना जरूरी है, चीजें जैसी सामान्य तौर पर दिखती हैं हू-बू-हू उन्हें वैसा ही किसी फोटोग्राफ में दिखा देने में कुछ भी अनोखा नहीं है, क्योंकि वैसा हर कोई देख सकता है। असल महत्व है चीजों को उस नजरिए से देखना जिससे उनके अर्थ खुलते हों। मैं यह मानता हूँ कि ‘फोटोग्राफी लोगों को देखने में मदद करती है’, यानी देखना सिखाती है। वैसे भी कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है, बशर्ते आपकी तस्वीर में हजार बात कह देने वाली बात हो।

यहां एक बात और समझने जरूरत है, फोटोग्राफी में आपको जो भी करना है प्रकाश यानी लाइट की मदद से करना है। अगर मैं किसी चित्रकार की बात करूँ तो एक चित्रकार अपनी चित्रकारी ‘रोशनी में’ करता है, लेकिन फोटोग्राफर अपनी चित्रकारी ‘रोशनी से‘ करता है। आपको से और में के अंतर को बारीकी से समझना होगा। सफल फोटोग्राफर वही है जो चीजों को केवल आब्जर्वर के नजरिए से नहीं बल्कि एक कलाकार के नजरिए से भी देखे। यकीन मानिये जिनके पास यह कला है वो कलाकार बेहद साधारण कैमरे से भी बेहतरीन तस्वीर खींच सकता है।

आम तौर पर एक नया फोटोग्राफर यही सोचता है कि बढ़िया फोटो वह है जो शार्प हो और जिसमें भरपूर डीटेल्स हों। लेकिन नहीं, सही मायने में एक बढ़िया फोटो वह होती है जो देखने वाले के ऊपर प्रभावी असर पैदा करने की क्षमता रखती हो। ‘फोटोग्राफी क्या है’ इस सवाल के जवाब में हमारा मानना है कि फोटोग्राफी केवल किसी वस्तु का हू-ब-हू चित्र खींच लेना नहीं है, बल्कि यह एक मीडियम (माध्यम) है जिसके जरिए अपनी बात कही जा सकती है, अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया जा सकता है; वस्तु, व्यक्ति या दृश्य के सौंदर्य को दर्ज किया जा सकता है और किसी परिस्थिति या घटना के सच को दुनिया के सामने लाया जा सकता है। इस तरह, फोटोग्राफी एक आर्ट-फॉर्म है, एक कला है, एक सशक्त माध्यम है अपनी बात रखने का।

आज विश्व फोटोग्राफी दिवस के मौके पर मैं उन तमाम नए फोटोग्राफर साथियों से बस इतना ही कहना चाहूंगा कि आप चाहे मोबाईल कैमरे से फोटो खींचते हों या डीएसएलआर से। आपकी तस्वीर ऐसी होनी चाहिए जिसमें कोई स्टोरी हो, या जिसे देखकर व्यूअर को भावनात्मक अनुभूति मिले, या कुछ ऐसा जो जीवन के किसी अनदेखे पक्ष को उजागर करता हो। आप फोटोग्राफी को औजार बनाकर ऐसा बहुत कुछ कर सकते है जिससे देखने वालों को जीवन और जगत से जुड़ने की प्रेरणा मिले। आप अपनी फोटोग्राफी के जरिए सामाज और पर्यावरण की समस्या की तरफ लोगों का ध्यान खींच सकते है। आप फोटोग्राफी के जरिए किसी भी व्यक्ति और समाज के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में सेतु की भूमिका निभा सकते हैं। आपकी एक सशक्त तस्वीर समाज को सार्थक संदेश दे, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।