अजमेर से छत्तीस घंटे का सफर कर बोरी पहुंची गुर्जरी बकरियां….गौठानों में की गई वितरित, इस खेप में 110 बकरियां
उच्च नस्ल मानी जाती है सिरोही, 16 महीने में 80 किलो का बकरा हो जाता है तैयार दुर्ग।गौठानों में गिर और साहीवाल नस्ल के गौवंशों के साथ अब उच्च नस्ल.