“ऐसे पढ़ेगा इंडिया…तो कैसे बढ़ेगा इंडिया” शासकीय घोषणाओं पर टिकी शिक्षा व्यवस्था, पांच वर्ष से अधूरे प्राथमिक शाला भवन में बच्चे गढ़ रहे अपना भविष्य
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा । “स्कूल आ पढ़े बर, जिनगी ला गढ़े बर” जैसे ध्येय वाक्य को लेकर कदमपारा प्राथमिक शाला पढ़ने जाने वाले बच्चे ठेकेदार की लापरवाही व प्रशासनिक उदासीनता की.